रांची : रिम्स में जूनियर डॉक्टरों का मानदेय बढ़ा, गवर्निंग बॉडी की बैठक में हुए कई अहम फैसले

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रांची, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) की गवर्निंग बॉडी की 61वीं बैठक गुरुवार को हुई। बैठक में 24 एजेंडों पर चर्चा की गई और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनका सीधा असर मरीजों और अस्पताल कर्मियों पर पड़ेगा।

बैठक की अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायाधीश अमरेश्वर सहाय ने की। बैठक का सबसे अहम फैसला इलाज के दौरान जान गंवाने वाले मरीजों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने का रहा।

अब रिम्स प्रबंधन मृतक के परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए तत्काल 5,000 रुपए की राशि यूपीआई के माध्यम से देगा। यह सुविधा सभी वर्गों के लिए उपलब्ध होगी और इस पर सालाना करीब सात करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। इस योजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए वर्तमान पांच मोक्षवाहनों के अतिरिक्त और भी वाहन खरीदे जाएंगे।

त्योहारों को देखते हुए रिम्स में कार्यरत एएनएम, जीएनएम, आउटसोर्सिंग कर्मचारियों और अन्य कर्मियों के वेतन में बढ़ोतरी का भी निर्णय लिया गया। इसके साथ ही, एक बड़ा कदम उठाते हुए एम्स की तर्ज पर इंटर्नशिप कर रहे जूनियर डॉक्टरों का स्टाइपेंड बढ़ाकर 30,000 रुपए प्रति माह कर दिया गया है।

अस्पताल में मरीजों के जमीन पर इलाज की समस्या को खत्म करने के लिए बिस्तरों की संख्या बढ़ाने का फैसला हुआ है। इसके तहत नेत्र रोग विभाग में 114 और ऑन्कोलॉजी (कैंसर) विभाग में 94 नए बेड की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही, जांच सुविधाओं को बेहतर बनाने और जल्द ही एमआरआई मशीन लगाने पर भी सहमति बनी।

वित्तीय मामलों में अब रिम्स निदेशक को एक करोड़ रुपए तक की राशि खर्च करने का अधिकार दिया गया है, जबकि इससे अधिक की राशि के लिए कमेटी का अनुमोदन आवश्यक होगा।

हालांकि, एमबीबीएस की सीटें 180 से बढ़ाकर 250 करने के रिम्स के प्रस्ताव को एनएमसी ने खारिज कर दिया है, जिसके खिलाफ प्रबंधन ने अपील की है।

वहीं, पीजी की सीटें 176 से 250 और सुपर स्पेशियलिटी की सीटें 9 से 50 करने का प्रस्ताव आगे बढ़ाया गया है। बैठक में डॉ. राजीव रंजन को जनसंपर्क पदाधिकारी के पद से मुक्त करने का भी फैसला हुआ। रिम्स जीबी की अगली बैठक 12 नवंबर को होगी।