राजद और कांग्रेस गठबंधन की विश्वसनीयता पर जनता को कोई भरोसा नहीं : आरपी सिंह

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नई दिल्‍ली, 9 अक्‍टूबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने गुरुवार को भारत-ब्रिटेन संबंधों, बिहार की राजनीति और उत्तर प्रदेश की सपा पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि राजद और कांग्रेस गठबंधन की विश्वसनीयता पर जनता को कोई भरोसा नहीं है।

बिहार में होने वाले चुनाव को लेकर आरपी सिंह ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि राजद और कांग्रेस गठबंधन की विश्वसनीयता पर जनता को कोई भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा, “बिहार की जनता ‘नौकरी के बदले जमीन’ घोटाले को भूली नहीं है। जनता जानती है कि किस प्रकार आरजेडी ने नौकरी का झांसा देकर आम लोगों की जमीनें हड़पी। इसलिए अब बिहार की जनता तेजस्वी यादव के झांसे में आने वाली नहीं है।”

उन्होंने कांग्रेस के “20 साल बर्बादी के 20 सवाल” अभियान पर भी कटाक्ष किया। आरपी सिंह बोले, “कांग्रेस चाहे 40 सवाल पूछ ले, लेकिन पहले यह बता दे कि क्या वह चारा घोटाले के दोषियों के साथ सरकार बनाएगी? क्या वे उन लोगों के साथ सत्ता में जाना चाहते हैं जिन्होंने ‘नौकरी के बदले जमीन’ जैसे घोटाले किए?”

आरपी सिंह ने कहा, “आने वाले दिनों में भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय व्यापार उल्लेखनीय रूप से बढ़ेगा। दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग और निवेश के नए अवसर बन रहे हैं।”

उन्‍होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आज वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों को छू रहा है और ब्रिटेन के साथ हमारे व्यापारिक संबंध ऐतिहासिक मुकाम पर पहुंच गए हैं।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश कुमार सरकार ने राज्य की महिलाओं को सशक्त करने का काम किया है। उन्होंने बताया, “बिहार में एक करोड़ महिलाओं को 10 हजार रुपए प्रतिमाह देकर उद्यम से जोड़ा गया है। बेटियों को साइकिलें दी गईं ताकि वे स्कूल जा सकें। पंचायत राज संस्थाओं में 50 प्रतिशत और पुलिस विभाग में 30 प्रतिशत आरक्षण देकर महिलाओं को आगे बढ़ने का अवसर दिया गया है।”

आरपी सिंह ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के उस बयान पर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार बनने पर आजम खान के मुकदमे वापस लिए जाएंगे। आरपी सिंह ने कहा, “अखिलेश यादव ऐसे व्यक्ति के साथ खड़े होने की बात कर रहे हैं जिन्होंने गरीबों की जमीनें लूटकर अपनी निजी संपत्ति बनाई। आजम खान के खिलाफ मामले अदालत में चल रहे हैं और अदालत की प्रक्रिया के तहत ही वे जेल गए हैं। ऐसे में अखिलेश यादव का यह बयान न्याय व्यवस्था का अपमान है।”