तेलंगाना फोन टैपिंग मामला: पूर्व एसआईबी प्रमुख दो हफ्ते की हिरासत के बाद रिहा

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हैदराबाद, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। एसआईटी ने शुक्रवार को फोन टैपिंग मामले में मुख्य आरोपी तेलंगाना स्पेशल इंटेलिजेंस ब्यूरो (एसआईबी) के पूर्व प्रमुख टी. प्रभाकर राव को रिहा कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट के सरेंडर करने के आदेश के बाद एसआईटी ने पूर्व आईपीएस अधिकारी टी. प्रभाकर राव से दो हफ्ते तक पूछताछ की थी, जिसके बाद उन्हें जुबली हिल्स पुलिस स्टेशन से रिहा किया गया। एसआईटी 16 जनवरी को अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपने वाली है।

माना जा रहा है कि एसआईटी ने उनसे पूछा कि तत्कालीन भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार ने उन्हेंरिटायर होने के बाद भी एसआईबी प्रमुख के पद पर क्यों नियुक्त किया था। जांचकर्ताओं को शक है कि यह किसी गलत मकसद से किया गया था।

पूर्व आईपीएस अधिकारी से तत्कालीन मंत्री हरीश राव के साथ उनकी बार-बार होने वाली मुलाकातों के बारे में भी पूछताछ की गई। उन्होंने जांच अधिकारियों को बताया कि ये मुलाकातें हरीश राव को माओवादियों से खतरों के बारे में जानकारी देने के लिए थीं।

एसआईटी ने तत्कालीन पुलिस महानिदेशक महेंद्र रेड्डी, पूर्व खुफिया प्रमुख नवीन चंद और अनिल कुमार और तत्कालीन मुख्य सचिव सोमेश कुमार के बयान भी दर्ज किए हैं।

कथित तौर पर प्रभाकर राव सीधे तत्कालीन मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) को रिपोर्ट करते थे। प्रभाकर राव ने 12 दिसंबर को जांच अधिकारी के सामने सरेंडर कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें एक हफ्ते की हिरासत में पूछताछ के लिए सरेंडर करने का निर्देश दिया था।

18 दिसंबर को जब उनकी पुलिस हिरासत खत्म हुई, तो जांच अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट से हिरासत बढ़ाने की मांग की, यह कहते हुए कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे और अहम जानकारी देने से इनकार कर रहे थे।

तेलंगाना सरकार द्वारा 18 दिसंबर को गठित नौ सदस्यीय नई एसआईटी ने प्रभाकर राव से पूछताछ की।

एसआईटी अधिकारियों ने एक अन्य आरोपी और पूर्व डीएसपी डी. प्रणीत राव की मौजूदगी में भी प्रभाकर राव से पूछताछ की थी। प्रभाकर राव के एक रिश्तेदार के. नंदा कुमार, जो ‘पोचगेट’ मामले में आरोपी हैं, जिसमें कथित तौर पर विधायकों को खरीदने की कोशिश की गई थी और कुछ अन्य लोगों से भी एसआईटी ने कुछ संदिग्ध वित्तीय लेनदेन के बारे में पूछताछ की थी।