नई दिल्ली, 27 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और बहरीन में हत्या की दो अलग-अलग घटनाओं में दो भारतीयों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। यह कार्रवाई दोनों देशों के आधिकारिक अनुरोधों के आधार पर की गई है, जहां भारतीय नागरिकों ने गंभीर आपराधिक कृत्य किए थे।
सीबीआई ने भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के साथ करीबी समन्वय स्थापित कर यूएई और बहरीन की संबंधित एजेंसियों से ऐसे सबूत प्राप्त किए जो भारतीय कानूनों के तहत न्यायालय में मान्य हो सकें। इन मामलों में इंदर जीत सिंह और सुभाष चंदर महला के खिलाफ मुकदमा शुरू किया गया है।
पहला मामला यूएई में रामलिंगम नटेशन की हत्या का है। यूएई से प्राप्त अनुरोध पर सीबीआई ने एक भारतीय नागरिक इंदर जीत सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया था। जांच में यह सामने आया कि अबू धाबी में रहने वाला मृतक रामलिंगम नटेशन अंतर्राष्ट्रीय सिम कार्ड बेचने का काम करता था, जबकि इंदर जीत सिंह उसी से उधार पर सिम कार्ड खरीदा करता था।
समय के साथ इंदर जीत सिंह पर 300 एईडी (संयुक्त अरब अमीरात दिरहम) का कर्ज हो गया। जब रामलिंगम ने इंदर जीत के नियोक्ता से उसके वेतन से राशि काटने की मांग की, तो इंदर जीत ने हत्या की साजिश रच डाली। उसने 28 अगस्त 2008 को रामलिंगम को अकेला पाकर उस पर धारदार चाकू से हमला कर दिया, जिससे गंभीर चोटें आईं और बाद में उसकी मौत हो गई।
गृह मंत्रालय से अभियोजन की स्वीकृति प्राप्त करने के बाद सीबीआई ने इंदर जीत सिंह के खिलाफ दिल्ली की सीबीआई अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है।
दूसरा मामला बहरीन में नियोक्ता की हत्या का है। बहरीन से प्राप्त प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद विदेश मंत्रालय ने सुभाष चंदर महला के खिलाफ मामला सीबीआई को सौंपा। इस आधार पर सीबीआई ने आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 404 (गबन) के तहत मामला दर्ज किया।
जांच के अनुसार, सुभाष चंदर महला बहरीन में ड्राइवर के रूप में कार्यरत था। अपने नियोक्ता के कथित दुर्व्यवहार से नाराज होकर उसने उसकी हत्या की योजना बनाई और 31 जनवरी 2011 को मौके का फायदा उठाकर जब उसका नियोक्ता अकेला था, उस पर एक ठोस वस्तु से हमला किया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
पूरी जांच के बाद सीबीआई ने गृह मंत्रालय से अभियोजन की अनुमति लेकर दिल्ली की सीबीआई अदालत में सुभाष चंदर महला के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है।
सीबीआई विदेश में अपराध करने वाले भारतीय नागरिकों के खिलाफ स्थानीय अभियोजन शुरू करने के लिए भारत सरकार की नोडल एजेंसी है।