Saturday, July 12, 2025
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स्वास्थ्य

एम्स के डॉक्टर डॉ. पीयूष रंजन ने बताया, पपीते का जूस पीने से प्लेटलेट्स...

नई दिल्ली, 8 जुलाई (आईएएनएस)। एम्स के डॉक्टर डॉ. पीयूष रंजन ने सोशल मीडिया पर चल रहे उन दावों को झूठा बताया, जिसमें दावा किया जाता है कि डेंगू के दौरान प्लेटलेट बढ़ाने के लिए पपीते का या उसके पत्ते का जूस कारगर होता है। डेंगू के दौरान प्लेटलेट तेजी से घटता है, जिसे लेकर कई बार मरीज चिंतित हो जाते हैं और डॉक्टरों की सलाह के बिना खुद से उपचार करते हैं। मरीज अक्सर प्लेटलेट बढ़ाने के लिए पपीते का या उसके पत्ते का जूस और पपीते की छाल का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा बकरी का दूध, हर्बल और डाइटरी सप्लीमेंट लेते हैं।

अस्थमा मरीजों के लिए जानलेवा हो सकता है मानसून, संक्रमण से बचने के लिए...

नई दिल्ली, 8 जुलाई (आईएएनएस)। मानसून का मौसम जहां एक ओर गर्मी से राहत लेकर आता है, वहीं दूसरी ओर यह कई बीमारियों की वजह भी बन सकता है। हवा में नमी बढ़ने के साथ ही संक्रमण और एलर्जी फैलाने का जोखिम बढ़ जाता है। अस्थमा के मरीजों के लिए यह मौसम कई तरह की परेशानियां पैदा करता है। यहां तक कि यह जानलेवा भी हो सकता है। सांस की तकलीफ, खांसी, सीने में जकड़न, ये सभी समस्याएं इस मौसम में अचानक बढ़ जाती हैं। ऐसे में अस्थमा के मरीजों को मानसून के मौसम में खास सावधानी बरतनी चाहिए।

‘नो पाम ऑयल’ लेबल सिर्फ मार्केटिंग चाल, हेल्थ फैक्ट नहीं : आईएफबीए

नई दिल्ली, 8 जुलाई (आईएएनएस)। इंडियन फूड एंड बेवरेज एसोसिएशन (आईएफबीए ) ने मंगलवार को चिंता जताई कि उपभोक्ता उत्पादों पर अचानक 'नो पाम ऑयल' (पाम तेल-मुक्त) लेबल का बढ़ता इस्तेमाल भ्रामक है और सिर्फ एक मार्केटिंग हथकंडा है। एसोसिएशन ने चिंता जताते हुए कहा कि यह उपभोक्ताओं को गलत जानकारी दे रहा है।

‘मोटापे’ की गिरफ्त में हैं आपके नन्हें-मुन्ने, इन स्वस्थ आदतों से बचाएं बचपन

नई दिल्ली, 8 जुलाई 2025 (आईएएनएस) आज के दौर में बच्चों में बढ़ता मोटापा चिंता का विषय बन गया है। स्क्रीन टाइम, गैजेट्स पर निर्भरता और आउटडोर गेम्स से दूरी के कारण छोटी उम्र में ही बच्चे मोटापे का शिकार हो रहे हैं। बच्चों को मोटापे से बचाने के लिए स्वस्थ आदतें अपनाना जरूरी है।

हाइपरटेंशन : 30 की उम्र के बाद इन लक्ष्णों को न करें नजरअंदाज, जीवनशैली...

मुंबई, 8 जुलाई (आईएएनएस)। हाइपरटेंशन आज के समय में सबसे तेजी से बढ़ने वाली स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। इस बीमारी का समय रहते इलाज कराने के लिए सबसे पहले जरूरी है इसके लक्षणों को पहचानना।

‘फीवर नट’ के गुण विशेष, ज्वर का नाश करने वाली औषधि की फूल-पत्ती और...

नई दिल्ली, 8 जुलाई (आईएएनएस)। लताकरंज, जिसका वैज्ञानिक नाम कैसलपिनिया क्रिस्टा है, आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधि मानी गई है। इसे सामान्यत पूतिकरंज या अंग्रेजी में फीवर नट के नाम से भी जाना जाता है। यह एक कांटेदार झाड़ी या बेल है जो भारत के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाई जाती है।

अमेरिका में बच्चों की सेहत पहले से ज्यादा बिगड़ रही है : नई रिपोर्ट...

सैक्रामेंटो, 8 जुलाई (आईएएनएस)। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, आज अमेरिका के बच्चे पहले की तुलना में ज़्यादा मोटे हो गए हैं, उन्हें ज़्यादा बीमारियां हो रही हैं और उनके लिए गंभीर बीमारियों की चपेट में आकर मरने की संभावना भी पहले की पीढ़ी के मुकाबले अधिक है। यह रिपोर्ट पिछले लगभग 20 सालों में बच्चों की सेहत पर सबसे बड़ा अध्ययन है।

साइटिका हो या बढ़ती उम्र की समस्याएं, खत्म करने में विशेष रूप से प्रभावी...

नई दिल्ली, 8 जुलाई (आईएएनएस)। शारीरिक हो या मानसिक, हर समस्या का समाधान योगासन के पास है। ऐसे में बात बढ़ती उम्र की समस्या से संबंधित हो तो पश्चिमोत्तासन विशेष रूप से फायदेमंद है। पश्चिमोत्तासन एक ऐसा योगासन है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

गुजरात : भरूच में जन औषधि केंद्र मरीजों के लिए बना संजीवनी, पीएम मोदी...

भरूच, 7 जुलाई (आईएएनएस)। गुजरात के भरूच जिले के श्रवण चौकड़ी इलाके में स्थित प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इस केंद्र पर रोजाना सैकड़ों मरीज पहुंचते हैं, और इसका कारण है, यहां बेहद कम दाम पर उपलब्ध जरूरी जेनरिक दवाएं हैं।

भारत के 80 प्रतिशत सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध एंटी-रेबीज वैक्सीन : लैंसेट रिपोर्ट

नई दिल्ली, 7 जुलाई (आईएएनएस)। भारत में 2030 तक रेबीज उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए देश के करीब 80 प्रतिशत सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों में एंटी-रेबीज वैक्सीन उपलब्ध है। यह जानकारी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के एक नए अध्ययन में सामने आई है, जो प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल द लैंसेट रीजनल हेल्थ, दक्षिण पूर्व एशिया में प्रकाशित हुआ है।

खरी बात