विश्वरंग–2025 के दूसरे दिन मुख्यमंत्री ने किया भव्य उद्घाटन, साहित्य–संस्कृति, एआई और नई सदी...
भोपाल : 28 नवंबर/ राजधानी भोपाल में आयोजित विश्वरंग–2025 टैगोर अंतरराष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव के दूसरे दिन का भव्य शुभारंभ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री...
विश्वरंग–2025 : टैगोर अंतर्राष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव में बोले मुख्यमंत्री, भाषा और संस्कृति...
भोपाल : 28 नवंबर/ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भाषा और संस्कृति एक-दूसरे की सहज पूरक हैं। संस्कृति, भाषा को वह...
भारतीय परंपरा और आधुनिक विचारधारा के बीच एक सशक्त सांस्कृतिक सेतु है विश्वरंग :...
भोपाल : 27 नवंबर/ अंतरराष्ट्रीय साहित्य–कला महोत्सव ‘विश्व रंग 2025’ के सातवें संस्करण का आज भोपाल स्थित रविन्द्र भवन परिसर में अत्यंत भव्य शुभारंभ...
‘मधुशाला’ के बच्चन: किराए का घर और ‘उस पार जाने’ को व्याकुल नर, जो...
नई दिल्ली, 26 नवंबर (आईएएनएस)। हिंदी कविता में हरिवंश राय 'बच्चन' के एटीट्यूड और फिलॉसफी का हर कोई कायल है। उन्होंने कविता से संवेदनाओं के साथ ही जिंदगी की सच्चाई से दुनिया को रूबरू कराया। उनका परिचय इतना ही है, ''मिट्टी का तन, मस्ती का मन, क्षणभर जीवन मेरा परिचय।''
संस्कृति की रंगो-महक से फिर गुलज़ार होगा ‘विश्व रंग’, भोपाल में 27 नवंबर को...
भोपाल : 25 नवंबर/ जाड़े की गुलाबी दस्तक के साथ एक बार फिर भोपाल की वादियाँ विश्व रंग से गुलज़ार हो रही हैं। टैगोर...
विश्व रंग : टैगोर अंतरराष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव क्यों और कैसे?
संतोष चौबेटैगोर अंतरराष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव – विश्व रंग में आपका स्वागत है। ये शायद देश में पहली बार है कि कोई शैक्षिक...
“भारतीय लघुचित्र परंपरा को समर्पित “नैनसुख” मोनोग्राफ को राष्ट्रीय सम्मान”
भोपाल : 21 नवंबर/ टैगोर कला केंद्र, टैगोर स्कूल ऑफ फाइन आर्ट्स एवं परफ़ॉर्मिंग आर्ट्स, स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी द्वारा प्रकाशित मोनोग्राफ “नैनसुख” को...
हिंदी और भारतीय भाषाओं के साथ साहित्य और कलाओं को केंद्रीयता प्रदान करता विश्वरंग
संतोष चौबेरबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय एवं डॉ. सी.वी. रमन विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किये जाने वाला टैगोर अन्तरराष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव, शायद...
स्मृति शेष : कौन थे सच्चिदानंद सिन्हा? जिनको माना गया समाजवादी विचारधारा का प्रखर...
पटना, 19 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय समाजवाद के स्तंभ और प्रखर चिंतक सच्चिदानंद सिन्हा अब हमारे बीच नहीं रहे। उनका बुधवार को मुजफ्फरपुर में निधन हो गया। वह 96 साल के थे। सच्चिदानंद सिन्हा एक विचारक तो थे ही, बल्कि एक ऐसे महान व्यक्तित्व थे, जिन्होंने समाजवाद की हिंसा-रहित संघर्ष की धारा को ढालने का काम किया।
एआई कवर आर्ट ने मचाया हड़कंप, न्यूजीलैंड बुक अवॉर्ड से दो बड़े लेखकों की...
नई दिल्ली, 18 नवंबर (आईएएनएस)। न्यूजीलैंड के प्रतिष्ठित ओखम बुक अवॉर्ड्स ने इस वर्ष एक ऐसा फैसला लिया जिसने साहित्यिक दुनिया में हंगामा मचा दिया है। देश के दो प्रमुख लेखकों स्टेफनी जॉनसन और एलिजाबेथ स्मिदर, को पुरस्कार की रेस से बाहर कर दिया गया क्योंकि उनकी किताबों की कवर डिजाइन में एआई-जेनेरेटेड इमेजरी शामिल पाई गई।








