चंडीगढ़:आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या मामले में भूपेंद्र हुड्डा ने की निष्पक्ष जांच की मांग

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चंडीगढ़, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में निष्पक्ष और व्यापक जांच की मांग की। उन्होंने राज्य सरकार से इस मामले में न्याय सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

हुड्डा ने कहा कि इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाना चाहिए और किसी भी निर्दोष व्यक्ति को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।

हुड्डा ने बताया कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से खराब हो चुकी है। उन्होंने कहा, “ऐसे माहौल में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की आत्महत्या होना अत्यंत दुखद और चिंताजनक घटना है। यह पूरा राज्य इस घटना से हिल गया है। अगर इतने वरिष्ठ अधिकारी सुरक्षित नहीं हैं तो आम जनता की स्थिति का अनुमान लगाया जा सकता है।”

पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इस मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों को कानून के कठघरे में लाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य में कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है ताकि आम नागरिक सुरक्षित महसूस कर सकें।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पुलिस अधिकारियों की सुरक्षा और मनोबल बनाए रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि वे कानून व्यवस्था बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।

बुधवार को पूरन कुमार की पत्नी और आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने चंडीगढ़ के सेक्टर-11 पुलिस स्टेशन के एसएचओ को पत्र लिखकर हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजरानिया के खिलाफ प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए थे।

उन्होंने दोनों अधिकारियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 108 (उकसाने के लिए आत्महत्या) और एससी-एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करने और तत्काल गिरफ्तारी की मांग की थी।

अमनीत ने दावा किया था कि इन अधिकारियों की जातिगत प्रताड़ना के कारण ही उनके पति ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर खुद को गोली मार ली।