दिल्ली पुलिस का नशा तस्करों पर बड़ा एक्शन, अब पीआईटी-एनडीपीएस एक्ट के तहत होगी कार्रवाई

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नई दिल्ली, 30 जुलाई (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने राजधानी में सक्रिय और कुख्यात ड्रग तस्करों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ‘नशा मुक्त भारत’ अभियान के तहत पुलिस अब पीआईटी-एनडीपीएस एक्ट के तहत इन तस्करों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। इस कानून के तहत आरोपी को बिना किसी ट्रायल के एक साल तक जेल में रखा जा सकता है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कुसुम (40) की गिरफ्तारी भी पुलिस के निशाने पर है। कुसुम के खिलाफ वित्तीय जांच में 5 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की जा चुकी है, जो नशे के कारोबार से अर्जित की गई थी। इन संपत्तियों में सुल्तानपुरी (उत्तर-पश्चिम दिल्ली) और रोहिणी के सेक्टर-24 में स्थित संपत्तियां शामिल हैं।

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, 2021 से इस एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। इस कानून का इस्तेमाल उन मामलों में किया जाता है जहां आरोपी बार-बार नशा तस्करी में शामिल पाया जाता है। इसके लिए सबसे पहले नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की स्क्रीनिंग कमेटी को सबूत देने होते हैं। जब भारत सरकार की मंजूरी मिल जाती है, तब आरोपी को जेल में रखा जा सकता है, चाहे कोर्ट में ट्रायल न भी हुआ हो।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस साल अब तक चार ड्रग तस्करों के खिलाफ पीआईटी एनडीपीएस के तहत आदेश जारी किए गए हैं, जिनमें से तीन पर पहले ही कार्रवाई हो चुकी है। पुलिस अब 35 और नशा तस्करों को इस कानून के तहत हिरासत में लेने की तैयारी कर रही है। पिछले चार वर्षों में केवल 28 तस्करों को ही इस एक्ट के तहत हिरासत में लिया गया था, लेकिन इस साल यह संख्या दोगुनी होने की संभावना है।

पुलिस का उद्देश्य सिर्फ तस्करों को पकड़ना ही नहीं है, बल्कि उनके पूरे नेटवर्क को भी तोड़ना है। एक मामले में, बरेली के एक ड्रग तस्कर को कई बार हेरोइन के साथ पकड़ा गया। बाद में पुलिस ने उसे चेन्नई की जेल में भेज दिया ताकि वह अपने साथियों से संपर्क न कर सके और उसका नेटवर्क बिखर जाए। पुलिस सूत्रों के अनुसार, सभी जिलों की पुलिस ऐसे नशा तस्करों की लिस्ट बना रही है, जिनके खिलाफ दो या उससे ज्यादा मामले दर्ज हैं।