सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा, सुकन्या मंडल की जमानत याचिका पर जल्द फैसला करें

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नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट से कहा कि वह कथित मवेशी तस्करी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुकन्या मंडल की जमानत याचिका पर जल्द फैसला करे। सुकन्या मंडल, टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल की बेटी हैं।

सुप्रीम कोर्ट में सुकन्या मंडल का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील विकास पाहवा ने कहा कि उनकी जमानत याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में 11 महीने से लंबित है। पिछली सुनवाई में भी मामले को स्थगित कर दिया गया था और 12 जुलाई को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया गया।

जस्टिस अरविंद कुमार की अध्यक्षता वाली वेकेशन बेंच ने पाहवा से कहा, “हम हाईकोर्ट से केवल उनकी जमानत याचिका पर फैसला करने का अनुरोध करेंगे। बेंच में जस्टिस संदीप मेहता भी शामिल थे।”

हाईकोर्ट से कहा गया कि वह छुट्टियों के बाद दोबारा खुलने के तीन सप्ताह के भीतर जमानत याचिका पर फैसला ले। बेंच ने स्पष्ट किया कि उसने मामले के गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त नहीं की है और दोनों पक्षों की सभी दलीलें खुली रखी गई हैं।

जुलाई 2023 में दिल्ली हाईकोर्ट ने सुकन्या मंडल की याचिका पर नोटिस जारी किया था, जिसमें निचली अदालत से उन्हें जमानत देने से इनकार करने के फैसले को चुनौती दी गई थी। तब से यह मामला लंबित है।

वकील मृणाल कुमार शर्मा के माध्यम से दायर विशेष अनुमति याचिका में कहा गया है कि जमानत आवेदन 22 तारीखों के लिए सूचीबद्ध था। लेकिन इस तथ्य पर विचार किए बिना कि याचिकाकर्ता एक साल से ज्यादा समय से हिरासत में है, इसे कई बार लापरवाही से स्थगित कर दिया गया।

पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले की एक प्राथमिक स्कूल शिक्षिका सुकन्या मंडल को पिछले साल अप्रैल में ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया था। वह अन्य लोगों के साथ मवेशी तस्करी मामले में सह-षड्यंत्रकारी और लाभार्थी के रूप में आरोपी हैं।

सितंबर 2020 में सीबीआई ने भारत-बांग्लादेश सीमा के जरिए मवेशियों की तस्करी के संबंध में मोहम्मद इनामुल हक, बीएसएफ कमांडेंट सतीश कुमार और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।