बेंगलुरु, 5 फरवरी (आईएएनएस)। कर्नाटक में 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए शुक्रवार को होने वाली प्रारंभिक परीक्षा के समय में बदलाव के मुद्दे ने सांप्रदायिक रंग ले लिया है और हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया है कि यह कदम मुसलमानों के लिए नमाज की सुविधा के लिए उठाया गया है।
इस घटनाक्रम से राज्य में विवाद छिड़ गया है और राज्य शिक्षा विभाग समय सारिणी के संबंध में आधिकारिक स्पष्टीकरण जारी कर सकता है। परीक्षाएं 26 फरवरी से 3 मार्च तक निर्धारित हैं।
1 मार्च शुक्रवार को छोड़कर सभी परीक्षाएं प्रतिदिन सुबह 10.15 बजे शुरू होने वाली हैं, जबकि एक मार्च को विभाग ने विज्ञान विषय की परीक्षा दोपहर दो बजे तय की है। हिंदू संगठनों ने दावा किया है कि मुसलमानों को खुश करने के लिए उन्हें शुक्रवार को सुबह की नमाज अदा करने की अनुमति देकर परीक्षा समय सारिणी में बदलाव किया गया है।
भटकल के एक हिंदू नेता श्रीकांत नाइक ने कहा कि शिक्षा विभाग ने कांग्रेस सरकार के निर्देशों के अनुसार समय सारिणी में बदलाव किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सीधे तौर पर शिक्षा विभाग में तुष्टिकरण की इजाजत दे रही है।
कर्नाटक स्कूल परीक्षा और मूल्यांकन बोर्ड के सूत्रों ने कहा कि कक्षा 10 की प्रारंभिक परीक्षा में बदलाव उसी दिन किया गया था, जिस दिन कक्षा 12 के छात्रों के लिए कन्नड़ और अरबी विषयों की परीक्षा होनी थी।
शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा द्वारा सोमवार को इस मामले पर प्रतिक्रिया और स्पष्टीकरण जारी करने की उम्मीद है।