आईसीसी को द्विपक्षीय सीरीज शुरू होने तक भारत-पाक के बीच मैच नहीं कराने चाहिए : कामरान

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मुंबई, 30 नवंबर (आईएएनएस)। पूरी दुनिया जहां 2025 में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के भाग्य पर आईसीसी के फैसले का इंतजार कर रही है, वहीं भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच पाकिस्तान के पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज कामरान अकमल का कहना है कि आईसीसी को दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट शुरू होने तक भारत-पाक मैचों का आयोजन नहीं करना चाहिए।

अकमल ने कहा कि जब तक इस मुद्दे का स्थायी समाधान नहीं हो जाता, तब तक दोनों देशों के बीच बहुराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कोई मैच नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर चैंपियंस ट्रॉफी के लिए हाइब्रिड मॉडल को स्वीकार किया जाता है, तो इसे भारत में आयोजित आईसीसी इवेंट के लिए भी आदर्श होना चाहिए।

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 19 फरवरी से 9 मार्च तक पाकिस्तान में खेली जानी है। हालांकि, बीसीसीआई ने पाकिस्तान का दौरा करने से साफ इंकार कर दिया था। पाकिस्तान में जाकर मैच खेलने के लिए भारत सरकार की सहमति नहीं मिलने के बाद यह ट्रॉफी अनिश्चितता में आ गई है।

शुक्रवार को आईसीसी बोर्ड की वर्चुअल बैठक सिर्फ 15 मिनट तक चली, जिसके बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने हाइब्रिड मॉडल के खिलाफ अपने रुख से पीछे हटने से इनकार कर दिया, जिसमें भारत के सभी मैच, एक सेमीफाइनल और फाइनल पाकिस्तान के बाहर खेले जाने की बात कही गई थी।

आईसीसी द्वारा चैम्पियंस ट्रॉफी पर जल्द ही निर्णय लिए जाने के मद्देनजर अकमल ने कहा कि इस समस्या का स्थायी समाधान ढूंढने का समय आ गया है।

वेबसाइट ने अकमल के हवाले से कहा, “मेरे विचार से दूसरा समाधान यह है कि आईसीसी को भारत-पाक मैचों का कार्यक्रम तब तक निर्धारित नहीं करना चाहिए जब तक कि द्विपक्षीय श्रृंखला नहीं हो जाती। एक बार जब वे एक-दूसरे के साथ खेलना शुरू कर देंगे, तभी हमें किसी बहुराष्ट्रीय प्रतियोगिता में मैच खेलने चाहिए।”

पाकिस्तान ने 1996 के बाद से किसी आईसीसी इवेंट की मेजबानी नहीं की है, जबकि भारत ने मुंबई आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट खेलने से इनकार कर दिया है, क्योंकि पाकिस्तान की राजनीति भारत में आतंकवाद का समर्थन करती है। दोनों देशों के बीच आखिरी द्विपक्षीय सीरीज 2012-13 में हुई थी, जब पाकिस्तान ने पांच मैचों की सफेद गेंद की सीरीज के लिए भारत का दौरा किया था।

चैंपियंस ट्रॉफी विवादों में फंसने वाली सबसे ताजा घटना है। पिछले साल पाकिस्तान को हाइब्रिड मॉडल के तहत एशिया कप की मेजबानी करनी पड़ी थी।