शिवकुमार ने कहा, मंत्री नागेंद्र ने अपनी इच्छा से इस्तीफा देने की पेशकश की

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बेंगलुरु, 6 जून (आईएएनएस)। कर्नाटक सरकार में आदिवासी कल्याण मंत्री बी. नागेंद्र पर करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। आदिवासी कल्याण निगम के एक कर्मचारी की आत्महत्या के बाद भाजपा लगातार कांग्रेस पर निशाना साध रही है।

इस बीच कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने गुरुवार को कहा, “आदिवासी कल्याण मंत्री बी. नागेंद्र ने पार्टी और राज्य सरकार की गरिमा बनाए रखने के लिए अपनी इच्छा से पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है।”

कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम (केएमवीएसटीडीसी) के अधीक्षक चंद्रशेखरन पी (50) ने कथित तौर पर 26 मई को आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने एक नोट छोड़ा था जिसमें उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों पर फंड की हेराफेरी करने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया था। इस मामले ने कर्नाटक में एक नए राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया।

तेलंगाना और देश के अन्य हिस्सों में लोकसभा चुनावों में खर्च के लिए कुछ निजी खातों में बड़ी रकम ट्रांसफर करने के आरोप के बाद कांग्रेस सरकार दबाव में आ गई। सीबीआई ने अब मामले की जांच शुरू कर दी है।

शिवकुमार ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा, “राज्य गृह मंत्री और मैंने नागेंद्र से चर्चा की है। वह घोटाले में शामिल नहीं हैं, इसलिए उन्हें इस्तीफा देने की कोई जरूरत नहीं है। हालांकि, उन्होंने पार्टी और राज्य सरकार की गरिमा बनाए रखने के लिए इस्तीफे की पेशकश की है। वह आज अपने इस्तीफे की घोषणा कर सकते हैं।”

पत्रकारों ने उनसे पूछा क्या इस्तीफा स्वीकार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्दारमैया पार्टी हाईकमान के साथ इस मामले पर चर्चा करने के बाद फैसला लेंगे।

केएमवीएसटीडीसी में कथित घोटाला चंद्रशेखरन की आत्महत्या के बाद सामने आया। उन पर कथित तौर पर विभिन्न अवैध खातों में करोड़ों रुपये ट्रांसफर करने के लिए दबाव डाला गया था। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में बताया कि किस तरह विभाग के एक वर्तमान कैबिनेट मंत्री ने उन पर दबाव डाला था।