Monday, April 28, 2025
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खेल के क्षेत्र में श्रीजेश पीआर को पद्म भूषण, आर अश्विन और सत्यपाल सिंह पद्मश्री से सम्मानित

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नई दिल्ली, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन के गणतंत्र मंडप में आयोजित नागरिक अलंकरण समारोह-प्रथम में वर्ष 2025 के लिए 4 पद्म विभूषण, 10 पद्म भूषण और 57 पद्म श्री पुरस्कार प्रदान किए। पद्म पुरस्कार-2025 (समारोह-प्रथम) में खेल के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले तीन खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया है। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत केंद्र के अनेक मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने केरल के श्रीजेश पी.आर. को खेल के क्षेत्र में पद्म भूषण प्रदान किया। वह एक पूर्व भारतीय हॉकी गोलकीपर और जूनियर भारतीय हॉकी टीम के वर्तमान कोच हैं। श्रीजेश को दोहरे ओलंपिक कांस्य पदक और अपने 22 साल के खेल करियर के दौरान तीन बार प्रतिष्ठित एफआईएच गोलकीपर ऑफ द ईयर जीतने वाले दुनिया के एकमात्र हॉकी गोलकीपर के रूप में जाना जाता है।

वहीं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तमिलनाडु के रविचंद्रन अश्विन को खेल के क्षेत्र में पद्म श्री प्रदान किया। वे सर्वश्रेष्ठ भारतीय क्रिकेटरों में से एक हैं। उन्हें अर्जुन पुरस्कार और आईसीसी क्रिकेटर ऑफ द ईयर सहित कई पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित किया गया है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्तर प्रदेश के डॉ. सत्यपाल सिंह को खेल के क्षेत्र में पद्मश्री से सम्मानित किया। एथलेटिक्स कोच और मेंटर डॉ. सिंह ने अपने अटूट समर्पण के माध्यम से भारतीय पैरा-स्पोर्ट्स में असाधारण योगदान दिया है। उनके मार्गदर्शन में भारतीय पैरा-एथलीटों ने पैरालिंपिक, विश्व चैंपियनशिप और एशियाई पैरा खेलों में पदक जीते हैं।

ये पुरस्कार भारतीय खेलों में उनके महत्वपूर्ण योगदान और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उत्कृष्टता के प्रति उनके समर्पण को रेखांकित करते हैं।

पाकिस्तान को जवाब देने में भारत पूरी तरह सक्षम : केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार

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छतरपुर, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 सैलानियों की मौत के बाद भारत सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए सिंधु बेसिन की सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों का वह 80 प्रतिशत पानी भी रोकने का निर्णय लिया है, जो अब तक पाकिस्तान को दिया जाता था। इस फैसले का स्वागत करते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि सरकार का यह फैसला पूरी तरह से सही है।

उन्होंने कहा कि भारत की तरफ आंखें दिखाकर अपेक्षाएं पालना अब नहीं चलेगा। अगर पड़ोसी देश आपसी समझदारी और शांति से चले, तो दोनों देशों के लिए अच्छा है, लेकिन अगर आतंकवाद और दुश्मनी की राह पर चलेगा तो भारत पूरी तरह से जवाब देने में सक्षम है।

वीरेंद्र कुमार ने कहा कि देश के गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में जो आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक अभियान शुरू किया गया है, वह रुकने वाला नहीं है। पाकिस्तान की सरजमीं से लगातार आतंकवादियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है और वहां चल रहे टेरर कैंप इसके गवाह हैं। भारत लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाता रहा है लेकिन पाकिस्तान ने हमेशा इन बातों को नकारा है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों को सिर्फ आश्रय ही नहीं देता बल्कि उन्हें संसाधन और प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराता है।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत की एकता और अखंडता को इस तरह की घटनाओं से कमजोर नहीं किया जा सकता। देश आज पूरी तरह तैयार है और हर चुनौती का डटकर सामना करने के लिए सक्षम है। उन्होंने कहा कि पीओके को लेकर भारत की नीति स्पष्ट है और गृह मंत्री पहले ही कह चुके हैं कि इसके लिए हम जान तक दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पास खुद खाने तक के साधन नहीं हैं और वह परमाणु हथियारों की बात करता है, जबकि भारत का हर नागरिक देश की सुरक्षा को लेकर सजग है और जरूरत पड़ी तो जवाब देने में सक्षम है।

उन्होंने कहा कि जो लोग भारत में रहते हुए पाकिस्तान का समर्थन करते हैं, वे राष्ट्रद्रोही हैं और ऐसे लोगों के लिए देश में कोई स्थान नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज देश की जनता, सभी राजनीतिक दल, विपक्ष और पूरा समाज आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं और यह एकता ही देश की सबसे बड़ी ताकत है। राहुल गांधी द्वारा आतंकवाद के खिलाफ सरकार को समर्थन देने की बात का भी उन्होंने स्वागत किया और कहा कि इस लड़ाई में पूरा देश एक साथ है।

कला के क्षेत्र में सितारों का सम्मान, डॉ. लक्ष्मीनारायण सुब्रमण्यम को पद्म विभूषण, शेखर कपूर समेत चार को पद्म भूषण और 23 को म‍िला पद्म श्री

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नई दिल्ली, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन के गणतंत्र मंडप में आयोजित नागरिक अलंकरण समारोह-प्रथम में वर्ष 2025 के लिए 4 पद्म विभूषण, 10 पद्म भूषण और 57 पद्म श्री पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत केंद्र के अनेक मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

पद्म पुरस्कार-2025 (समारोह-प्रथम) में कला (आर्ट) के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए कई व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। इनमें कर्नाटक के डॉ. लक्ष्मीनारायण सुब्रमण्यम पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलावा आंध्र प्रदेश के नंदमुरी बालकृष्ण, महाराष्ट्र के शेखर कपूर, तमिलनाडु के एस. अजित कुमार, महाराष्ट्र के स्वर्गीय पंकज उधास (मरणोपरांत) को पद्म भूषण से सम्‍मान‍ित क‍िया गया। स्वर्गीय पंकज उधास की पत्नी फरीदा पंकज उधास ने उनकी ओर से यह पुरस्कार प्राप्त किया।

वहीं, उत्तर प्रदेश के डॉ. श्याम बिहारी अग्रवाल, केरल की डॉ. के. ओमानाकुट्टी अम्मा, आंध्र प्रदेश के स्वर्गीय मिरियाला अप्पाराव (मरणोपरांत), असम के जॉयनचारण बथारी, राजस्थान की बेगम बतूल, मध्य प्रदेश के बेहरू सिंह चौहान, पश्चिम बंगाल के गोकुल चंद्र दास, बिहार की निर्मला देवी, ओडिशा के अद्वैत चरण गडनायक, दिल्ली के प्रो. भरत गुप्त, सिक्किम के नरेन गुरुंग, महाराष्ट्र के वासुदेव तारानाथ कामथ, महाराष्ट्र के डॉ. जसपिंदर नरूला कौल, महाराष्ट्र के पं. रोनू मजूमदार, पश्चिम बंगाल के पं. तेजेंद्र नारायण मजूमदार, गुजरात के प्रो. रतन कुमार परिमू, कर्नाटक के डॉ. हसन रघु, ओडिशा के दुर्गा चरण रणबीर, आंध्र प्रदेश के डॉ. मधुगुला नागफणी शर्मा, कर्नाटक की भीमव्वा दोद्दाबालप्पा शिल्लीक्यातारा, पश्चिम बंगाल के अर्जित अदिति सुरिंदर सिंह, पंजाब के भाई हरजिंदर सिंह जी और तमिलनाडु के राधाकृष्णन देवसेनापति को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। आंध्र प्रदेश के स्वर्गीय मिरियाला अप्पाराव की बेटी यादवल्ली श्रीदेवी ने अपने प‍िता की ओर से पद्म श्री प्राप्त किया।

यूपीआई सेवाएं बार-बार बाधित होने के बाद एक्शन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, अधिकारियों को दिए सुधार के निर्देश

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नई दिल्ली, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के माध्यम से भुगतान बाधित होने की घटनाओं के मद्देनजर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की और यूपीआई इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के निर्देश दिए।

बैठक में वित्त मंत्रालय के अलावा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। मंत्रालय ने बताया कि बैठक में यूपीआई इकोसिस्टम के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की गई और इसके भविष्य के बारे में विचार-विमर्श किया गया।

उल्लेखनीय है कि पिछले लगभग एक महीने में तीन बार देश भर में यूपीआई सेवाएं बाधित हो चुकी हैं। पहली घटना 26 मार्च को, दूसरी 1 अप्रैल को और तीसरी 12 अप्रैल को हुई थी। इससे भुगतान के लिए यूपीआई पर निर्भर रहने वाले लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा था।

इस लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जाने वाली बैठक में वित्त सचिव अजय सेठ, वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम. नागाराजू, आरबीआई के कार्यकारी निदेशक विवेक दीप और एनपीसीआई के एमडी एवं सीईओ दिलीप अस्बे मौजूद थे।

वित्त मंत्री ने उपयोगकर्ताओं को बेहतर अनुभव प्रदान करने और साइबर सुरक्षा आर्किटेक्चर में सुधार के लिए हितधारकों से साथ मिलकर ढांचागत खामियों को दूर करने की अपील की। उन्होंने एनपीसीआई अधिकारियों को यूपीआई तंत्र की मजबूती बढ़ाने और भविष्य में बाधाओं को रोकने के उपाय करने के निर्देश दिए।

मंत्रालय के अनुसार, यूपीआई इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती, विस्तार और रियल-टाइम निगरानी में सुधार पर चर्चा हुई, ताकि निर्बाध सेवा प्रदान कर उपयोगकर्ता का विश्वास मजबूत किया जा सके।

देश में यूपीआई का चलन बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2019-20 से 2024-25 तक पांच साल में इसकी औसत वार्षिक विकास दर 72 प्रतिशत रही।

एनपीसीआई अधिकारियों ने वित्त मंत्री को बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 से 2024-25 के बीच 26 करोड़ नए उपयोगकर्ता बने और 5.5 करोड़ नए मर्चेंट यूपीआई प्लेटफार्मों से जुड़े। वर्तमान में लगभग 45 करोड़ सक्रिय उपयोगकर्ता यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं।

गत 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2024-25 में यूपीआई ट्रांजेक्शन का मूल्य 30 प्रतिशत बढ़कर 261 लाख करोड़ रुपए पर और ट्रांजेक्शनों की संख्या 42 प्रतिशत बढ़कर 18,586 करोड़ पर पहुंच गई।

वित्त मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे अगले दो-तीन साल में प्रतिदिन एक बिलियन ट्रांजेक्शन का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में काम करें। साथ ही, उन्होंने इंटऑपरेबल फ्रेमवर्क का विकास और वैश्विक भुगतान स्वीकार्यता बढ़ाकर यूपीआई के अंतर्राष्ट्रीयकरण में गति लाने पर भी जोर दिया।

उन्होंने कहा कि यूपीआई की पहुंच और प्रभाव बढ़ाने के लिए वे यूपीआई प्लेटफॉर्म पर उपयोगकर्ताओं और मर्चेंट की संख्या बढ़ाने का प्रयास करें।

चंडीगढ़ में 16वें वित्त आयोग ने की विधायकों से चर्चा, बजट और विकास योजनाओं पर दिए सुझाव : कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा

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चंडीगढ़, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। चंडीगढ़ में 16वें वित्त आयोग के प्रत‍िन‍िध‍ियों ने सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों से मुलाकात की। इस दौरान हरियाणा के कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने बताया कि आयोग ने राज्य के बारे में विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।

उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि आयोग से बातचीत में यह मुद्दा उठाया गया कि हरियाणा राज्य में दिल्ली के तीन हिस्से हैं, जिससे जनसंख्या लगातार बढ़ रही है। इसके कारण शहरी क्षेत्रों में पीने के पानी और सीवेज की समस्याएं गंभीर हो रही हैं। इस संदर्भ में अरोड़ा ने सुझाव दिया कि अर्बन लोकल बॉडी विभाग को अधिक बजट दिया जाए ताकि इन समस्याओं का समाधान किया जा सके।

अशोक अरोड़ा ने कहा कि गांवों में सीवरेज की व्यवस्था के लिए महाग्राम योजना के तहत 10,000 आबादी वाले गांवों में काम किया जा रहा है, लेकिन उन्होंने कहा कि यह 10,000 या उससे ज्यादा की आबादी वाले बहुत कम गांव हैं। इसलिए इस क्राइटेरिया को कम किया जाए। इस योजना के दायरे को बढ़ाने की जरूरत है, ताकि अधिक गांवों में इसका लाभ मिल सके। इसके अलावा, उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य बजट में भी वृद्धि की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि मैंने वित्त आयोग को बताया कि राज्य का कुल बजट दो लाख करोड़ रुपए से अधिक है, लेकिन इसका 32 प्रतिशत हिस्सा ऋण चुकाने और ब्याज में चला जाता है। उन्होंने वन टाइम सेटलमेंट के तहत कर्ज से राहत पाने की अपील की, ताकि राज्य अपने संसाधनों का बेहतर उपयोग कर सके। अरोड़ा ने यह भी कहा कि राज्य के विभिन्न मुद्दों और समस्याओं का समाधान करने के लिए यह जरूरी है कि सभी पक्षों से बातचीत करके बजट का सही वितरण किया जाए।

अरोड़ा ने संविधान की रक्षा के लिए कांग्रेस पार्टी के आगामी 40 दिनों के कार्यक्रम का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी प्रदेश भर में इस अभियान को लेकर कार्यकर्ताओं को प्रेरित करेगी और हर घर तक अपनी बात पहुंचाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार संविधान को कमजोर करने की साजिश कर रही है, और कांग्रेस पार्टी इस साजिश के खिलाफ खड़ी है।

पाकिस्तान : सिंध में नहरों के मुद्दे पर विरोध तेज, शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक बेनतीजा

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इस्लामाबाद, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सिंधु नदी पर विवादास्पद नई नहरों के निर्माण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन सोमवार को और तेज हो गया। प्रांत का देश के अन्य हिस्सों से संपर्क कट गया है और राष्ट्रीय राजमार्ग पर हजारों मालवाहक वाहन फंसे हुए हैं।

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट्स (सीसीआई) की बैठक भी किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। इस बीच, सिंध में सत्ता में मौजूद पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) ने चेतावनी दी है कि यदि संघीय सरकार ने नहरों के निर्माण की योजना पर आगे बढ़ने की कोशिश की, तो वह सरकार से अलग हो सकती है।

बैठक में चारों प्रांतों के मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब, स्वास्थ्य मंत्री मुस्तफा कमाल और कानून मंत्री आजम नजीर तारड़ उपस्थित थे।

सिंध में विरोध प्रदर्शनों की तीव्रता हर दिन बढ़ती जा रही है। पंजाब को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग कई दिनों से बंद है, जिससे कम से कम 12,000 मालवाहक वाहन फंसे हुए हैं। इस आंदोलन को राष्ट्रवादी और विपक्षी पार्टियों का समर्थन मिल रहा है, जिन्होंने सरकार की नहर निर्माण योजना को रद्द करने तक विरोध जारी रखने का संकल्प लिया है।

ऑल पाकिस्तान गुड्स ट्रांसपोर्ट ओनर्स एसोसिएशन ने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। संगठन के अध्यक्ष मुहम्मद ओवैस चौधरी ने कहा, “लंबे समय तक सड़क बंद रहने से विशेष रूप से तेल, गैस और कोयला टैंकर जैसे खतरनाक मालवाहक वाहनों के लिए गंभीर सुरक्षा जोखिम पैदा हो रहे हैं। तेज गर्मी में इन वाहनों के लंबे समय तक फंसे रहने से आग लगने या विस्फोट जैसी घटनाएं हो सकती हैं, जिससे जान-माल का भारी नुकसान हो सकता है।”

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ज़रदारी को भरोसा दिलाया है कि नहरों के निर्माण पर सभी प्रांतों की सहमति के बिना कोई एकतरफा निर्णय नहीं लिया जाएगा। 1991 के जल समझौते के तहत सिंधु नदी से पानी के बंटवारे का प्रावधान है, जिसकी निगरानी और विवादों का समाधान सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण करता है।

‘झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता की सेवा 30 अप्रैल को करें समाप्त’, केंद्र ने राज्य सरकार को लिखा पत्र

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रांची, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्र सरकार ने झारखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पद पर कार्यरत 1990 बैच के आईपीएस अनुराग गुप्ता की सेवा 30 अप्रैल, 2025 को समाप्त करने का निर्देश दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संबंध में राज्य सरकार को पत्र भेजा है।

संभावना जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के 29 अप्रैल को विदेश से झारखंड लौटने के बाद राज्य सरकार इस संबंध में निर्णय लेगी। झारखंड सरकार ने 2 फरवरी, 2025 को अधिसूचना जारी कर अनुराग गुप्ता को दो वर्ष के कार्यकाल के लिए राज्य का नियमित पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया था।

इसके पहले उन्हें 26 जुलाई 2024 को राज्य का कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया था। इसके अलावा उन्हें आपराधिक अन्वेषण विभाग और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक का भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।

वर्ष 2024 में विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग ने उन्हें इस पद से हटा दिया था और 1989 बैच के आईपीएस अजय सिंह को डीजीपी नियुक्त किया था। बाद में, चुनावी प्रक्रिया संपन्न होते ही राज्य सरकार ने 28 नवंबर को एक बार फिर अनुराग गुप्ता को कार्यवाहक डीजीपी के रूप में बहाल कर दिया था।

इसके बाद 2 फरवरी, 2025 को सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में उन्हें नियमित पुलिस महानिदेशक बनाया गया। इस अधिसूचना में कहा गया था, ”इस पद पर अनुराग गुप्ता का कार्यकाल ‘महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक, झारखंड (पुलिस बल प्रमुख) का चयन एवं नियुक्ति नियमावली 2025’ के नियम 10 (1) के अनुरूप होगा।” इस नियमावली में डीजीपी का कार्यकाल 2 वर्ष निर्धारित है।

उल्लेखनीय है कि अनुराग गुप्ता को नियमित डीजीपी बनाए जाने के खिलाफ झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर रखी है। झारखंड हाईकोर्ट ने 24 मार्च को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और यूपीएससी सहित सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया था। इस मामले में कोर्ट में अगली सुनवाई 19 जून को निर्धारित है।

छत्तीसगढ़ : बीजापुर में 28.5 लाख रुपए के इनामी  24 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

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रायपुर, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सोमवार को 24 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें से 14 नक्सलियों पर कुल 28.5 लाख रुपए का इनाम घोषित था।

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, यह आत्मसमर्पण तेलंगाना सीमा के पास बीजापुर की कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में 21 अप्रैल से चल रहे व्यापक नक्सली विरोधी अभियान के दौरान हुआ, जिसमें करीब 24,000 सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वालों में 11 महिलाएं भी शामिल हैं।

नक्सलियों ने कथित तौर पर माओवादी विचारधारा, स्थानीय आदिवासी समुदायों पर उग्रवादियों द्वारा किए जा रहे अत्याचारों और प्रतिबंधित समूह के भीतर आंतरिक कलह से मोहभंग होने की बात कही।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वे राज्य सरकार की ‘नियाद नेल्लानार’ पहल से भी प्रभावित थे, जो सुरक्षा शिविरों के पास दूरदराज के गांवों को बेहतर बनाने के उद्देश्य से एक विकास योजना है।

आत्मसमर्पण करने वाले पूर्वी बस्तर संभाग, परतापुर क्षेत्र समिति और पश्चिमी बस्तर संभाग सहित विभिन्न माओवादी संगठनों से जुड़े थे।

भैरमगढ़ क्षेत्र समिति के 33 वर्षीय सदस्य सुदरू हेमला और परतापुर क्षेत्र समिति की 36 वर्षीय कमली मोडियम, जिसे उर्मिला के नाम से भी जाना जाता है। दोनों पर 5-5 लाख रुपए का इनाम था। अन्य लोगों में 3 लाख रुपए का इनाम वाला 24 वर्षीय जयमोती पुनेम और 50,000 रुपए का इनाम वाला 21 वर्षीय मंगू पुनेम शामिल हैं।

इसके अलावा, बुच्ची माडवी उर्फ रोशनी, सुखमती उरसा, शामनाथ कुंजाम, चैतू कुरसम और सोमली हेमला ने भी समर्पण किया। इन पर 2-2 लाख रुपए का इनाम था।

आत्मसमर्पण करने वाले अन्य माओवादियों में बुज्जी पदम, सुक्को पुनेम, हिड़मे वेको, सोनी कोर्सा और लच्छा ताती शामिल हैं, जिन पर एक-एक लाख रुपए का इनाम था। इस आत्मसमर्पण के साथ ही जनवरी 2025 से बीजापुर में हथियार डालने वाले माओवादियों की कुल संख्या 203 हो गई है।

अधिकारियों ने बताया, इसके अलावा, जिले में 90 नक्सली मारे गए हैं और 213 को गिरफ्तार किया गया है।

राजस्थान की लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस पार्टी उत्साहित : केसी वेणुगोपाल

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जयपुर, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। राजस्थान कांग्रेस की ओर से ‘संविधान बचाओ’ अभियान के तहत जयपुर के रामलीला मैदान में सोमवार को एक रैली का आयोजन किया गया। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं लोकसभा सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी राजस्थान की लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए उत्साहित है।

पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर ‘संविधान बचाओ’ रैली की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “जयपुर में संविधान बचाओ रैली के बाद माननीय कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण संगठनात्मक बैठक आयोजित की गईं। हमने डीसीसी अध्यक्षों, समन्वय समिति और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की विस्तारित पीसीसी कार्यकारी समिति के साथ विस्तृत चर्चा की।”

संगठनात्मक स्तर पर पार्टी की तैयारी पर उन्होंने लिखा, “राजस्थान में 400 ब्लॉक अध्यक्षों, 2200 मंडल अध्यक्षों और 40,000 बूथ अध्यक्षों की नियुक्ति पूरी हो चुकी है। अन्य सभी संगठनात्मक पदों और समितियों को अगले दो महीनों के भीतर भर दिया जाएगा और पार्टी पदाधिकारियों के लिए प्रशिक्षण तुरंत शुरू हो जाएगा। राजस्थान में डीसीसी अध्यक्षों की चयन प्रक्रिया भी नियत समय में शुरू होगी। पार्टी राजस्थान में लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए उत्साहित और तैयार है।”

बता दें कि कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में जान गंवाने वालों की याद में मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कई लोग कश्मीर में पर्यटक के तौर पर आते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह सुरक्षित है और हमारे देश का अभिन्न अंग है। दुर्भाग्य से पहलगाम में ऐसी भयावह घटना हुई, जिसमें 26 लोग मौके पर ही मारे गए। यह वास्तव में एक दुखद घटना है।

उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि हमारे देश की बदकिस्मती है कि पहलगाम आतंकवादी हमले पर हुई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं आए। यह शर्म की बात है। वह बिहार में चुनावी भाषण करते हैं, लेकिन दिल्ली में हो रही सर्वदलीय बैठक में नहीं आ सकते। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से अपेक्षा थी कि दिल्ली में बैठक करते और हमें जानकारी देते कि सरकार की योजना क्या है और दूसरे राजनीतिक दलों से क्या मदद चाहते हैं? लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

–आईएनएस

एससीएच/सीबीटी

चीन श्रम के नाम पर नए युग की गरिमा और गौरव लिखता है

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बीजिंग, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। 1 मई को हम एक ऐसा त्योहार मनाते हैं, जो सभी श्रमिकों का है। 1886 में शिकागो के श्रमिकों की आठ घंटे के कार्यदिवस की मांग से लेकर 1949 में चीन द्वारा “1 मई” को कानूनी श्रम दिवस के रूप में स्थापित करने तक, यह त्योहार हमेशा मानव जाति द्वारा श्रम के मूल्य की खोज से जुड़ा रहा है।

समकालीन चीन में, श्रमिक न केवल उत्सव की प्रशंसा का आनंद लेते हैं बल्कि संस्थागत गारंटी और मूल्य पुनर्निर्माण के माध्यम से वास्तव में सामाजिक विकास में मुख्य निकाय बन गए हैं। श्रमिकों के लिए यह सम्मान न केवल चीनी सभ्यता की परंपराओं की निरंतरता है बल्कि नए युग में चीन के आधुनिकीकरण पथ का एक ज्वलंत उदाहरण भी है।

पहला, संस्थागत नींव ने श्रमिकों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए एक नेटवर्क बनाया है।

चीन ने हमेशा श्रमिकों के अधिकारों और हितों की सुरक्षा को सामाजिक शासन के मूल में रखा है। नए संशोधित श्रम कानून ने श्रम अनुबंधों, मजदूरी भुगतान और आराम और अवकाश को कवर करते हुए एक पूर्ण-चक्र सुरक्षा प्रणाली स्थापित की है। चीन भर में 31 प्रांतों ने मजदूरी भुगतान निगरानी मंच स्थापित किए हैं, जो 28 करोड़ किसान श्रमिकों के लिए “मजदूरी सुरक्षा” प्रदान करते हैं।

“नए रोजगार रूपों में श्रमिकों के श्रम संरक्षण अधिकारों और हितों की रक्षा पर मार्गदर्शक राय” पारंपरिक श्रम संबंध मान्यता की बेड़ियों को तोड़ती है और कूरियर और ऑनलाइन कार-हेलिंग ड्राइवरों जैसे समूहों के लिए सामाजिक बीमा भागीदारी योजनाएं तैयार करती है। यह तेजी से घना सामाजिक सुरक्षा नेटवर्क “श्रम की गरिमा” के वादे को वास्तविकता में बदल रहा है।

दूसरा, चीन ने काम के माध्यम से जीविकोपार्जन से लेकर मूल्य पुनर्निर्माण के माध्यम से सृजन और सशक्तीकरण तक का परिवर्तन हासिल किया है।

चीन में श्रमिकों के प्रति सम्मान केवल उनके अधिकारों और हितों की रक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह व्यवस्थित संस्थागत डिजाइन के माध्यम से श्रम मूल्य के उत्थान को भी बढ़ावा देता है। शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों को कवर करने वाले व्यावसायिक कौशल सुधार अभियान ने 10 करोड़ से अधिक लोगों को सब्सिडी वाले प्रशिक्षण प्रदान किए हैं और “ग्रेट कंट्री क्राफ्ट्समैन” प्रशिक्षण प्रणाली ने तकनीकी श्रमिकों को जूनियर श्रमिकों से लेकर मुख्य तकनीशियनों तक के विकास का मार्ग प्रदान किया है।

चीन के च्यांगसू प्रांत के सूज़ो शहर में, 1990 के दशक में पैदा हुए एक सीएनसी प्रोग्रामिंग इंजीनियर थांग छंग को राष्ट्रीय तकनीकी विशेषज्ञ नामित किया गया था और वे उच्च स्तरीय विनिर्माण उद्यमों में एक “स्तंभ” के रूप में कार्य करते हैं।

उधर, चच्यांग प्रांत के हांगचो शहर में, 1995 के दशक में जन्मे कूरियर ली छिंगहेंग को उनके पेशेवर कौशल के लिए उच्च स्तरीय प्रतिभा का नाम दिया गया। व्यावसायिक बाधाओं को तोड़ने वाली कार्रवाइयों ने इस गहन परिवर्तन को प्रदर्शित किया है कि “श्रम में कोई उच्च या निम्न स्थिति नहीं है।”

तीसरा, चीन में श्रम की भावना राष्ट्रीय चरित्र को आकार देती है।

चीनी राष्ट्र की सभ्यता का इतिहास अनिवार्य रूप से श्रम सृजन का इतिहास है। चीन सरकार ने “चीनी किसानों का फसल उत्सव” की स्थापना की। इसने “महान देश शिल्पकार” नवाचार विनिमय सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें खेतों में कड़ी मेहनत और प्रयोगशालाओं में सफलताओं को राष्ट्रीय मामलों में शामिल किया गया। श्रम के मूल्य का यह व्यापक प्रदर्शन राष्ट्रीय आम सहमति को नया रूप दे रहा है कि “श्रम खुशी पैदा करता है।”

वर्तमान में, चीन श्रम सभ्यता में एक नया अध्याय लिख रहा है। जब “श्रम सबसे गौरवशाली है, श्रम सबसे महान है और श्रम सबसे सुंदर है” समय की मजबूत आवाज बन जाता है, तो यह न केवल श्रमिकों को श्रद्धांजलि देता है बल्कि एक प्राचीन सभ्यता के आधुनिकीकरण परिवर्तन की गहन व्याख्या भी प्रदान करता है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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