Monday, April 28, 2025
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चीन श्रम के नाम पर नए युग की गरिमा और गौरव लिखता है

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बीजिंग, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। 1 मई को हम एक ऐसा त्योहार मनाते हैं, जो सभी श्रमिकों का है। 1886 में शिकागो के श्रमिकों की आठ घंटे के कार्यदिवस की मांग से लेकर 1949 में चीन द्वारा “1 मई” को कानूनी श्रम दिवस के रूप में स्थापित करने तक, यह त्योहार हमेशा मानव जाति द्वारा श्रम के मूल्य की खोज से जुड़ा रहा है।

समकालीन चीन में, श्रमिक न केवल उत्सव की प्रशंसा का आनंद लेते हैं बल्कि संस्थागत गारंटी और मूल्य पुनर्निर्माण के माध्यम से वास्तव में सामाजिक विकास में मुख्य निकाय बन गए हैं। श्रमिकों के लिए यह सम्मान न केवल चीनी सभ्यता की परंपराओं की निरंतरता है बल्कि नए युग में चीन के आधुनिकीकरण पथ का एक ज्वलंत उदाहरण भी है।

पहला, संस्थागत नींव ने श्रमिकों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए एक नेटवर्क बनाया है।

चीन ने हमेशा श्रमिकों के अधिकारों और हितों की सुरक्षा को सामाजिक शासन के मूल में रखा है। नए संशोधित श्रम कानून ने श्रम अनुबंधों, मजदूरी भुगतान और आराम और अवकाश को कवर करते हुए एक पूर्ण-चक्र सुरक्षा प्रणाली स्थापित की है। चीन भर में 31 प्रांतों ने मजदूरी भुगतान निगरानी मंच स्थापित किए हैं, जो 28 करोड़ किसान श्रमिकों के लिए “मजदूरी सुरक्षा” प्रदान करते हैं।

“नए रोजगार रूपों में श्रमिकों के श्रम संरक्षण अधिकारों और हितों की रक्षा पर मार्गदर्शक राय” पारंपरिक श्रम संबंध मान्यता की बेड़ियों को तोड़ती है और कूरियर और ऑनलाइन कार-हेलिंग ड्राइवरों जैसे समूहों के लिए सामाजिक बीमा भागीदारी योजनाएं तैयार करती है। यह तेजी से घना सामाजिक सुरक्षा नेटवर्क “श्रम की गरिमा” के वादे को वास्तविकता में बदल रहा है।

दूसरा, चीन ने काम के माध्यम से जीविकोपार्जन से लेकर मूल्य पुनर्निर्माण के माध्यम से सृजन और सशक्तीकरण तक का परिवर्तन हासिल किया है।

चीन में श्रमिकों के प्रति सम्मान केवल उनके अधिकारों और हितों की रक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह व्यवस्थित संस्थागत डिजाइन के माध्यम से श्रम मूल्य के उत्थान को भी बढ़ावा देता है। शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों को कवर करने वाले व्यावसायिक कौशल सुधार अभियान ने 10 करोड़ से अधिक लोगों को सब्सिडी वाले प्रशिक्षण प्रदान किए हैं और “ग्रेट कंट्री क्राफ्ट्समैन” प्रशिक्षण प्रणाली ने तकनीकी श्रमिकों को जूनियर श्रमिकों से लेकर मुख्य तकनीशियनों तक के विकास का मार्ग प्रदान किया है।

चीन के च्यांगसू प्रांत के सूज़ो शहर में, 1990 के दशक में पैदा हुए एक सीएनसी प्रोग्रामिंग इंजीनियर थांग छंग को राष्ट्रीय तकनीकी विशेषज्ञ नामित किया गया था और वे उच्च स्तरीय विनिर्माण उद्यमों में एक “स्तंभ” के रूप में कार्य करते हैं।

उधर, चच्यांग प्रांत के हांगचो शहर में, 1995 के दशक में जन्मे कूरियर ली छिंगहेंग को उनके पेशेवर कौशल के लिए उच्च स्तरीय प्रतिभा का नाम दिया गया। व्यावसायिक बाधाओं को तोड़ने वाली कार्रवाइयों ने इस गहन परिवर्तन को प्रदर्शित किया है कि “श्रम में कोई उच्च या निम्न स्थिति नहीं है।”

तीसरा, चीन में श्रम की भावना राष्ट्रीय चरित्र को आकार देती है।

चीनी राष्ट्र की सभ्यता का इतिहास अनिवार्य रूप से श्रम सृजन का इतिहास है। चीन सरकार ने “चीनी किसानों का फसल उत्सव” की स्थापना की। इसने “महान देश शिल्पकार” नवाचार विनिमय सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें खेतों में कड़ी मेहनत और प्रयोगशालाओं में सफलताओं को राष्ट्रीय मामलों में शामिल किया गया। श्रम के मूल्य का यह व्यापक प्रदर्शन राष्ट्रीय आम सहमति को नया रूप दे रहा है कि “श्रम खुशी पैदा करता है।”

वर्तमान में, चीन श्रम सभ्यता में एक नया अध्याय लिख रहा है। जब “श्रम सबसे गौरवशाली है, श्रम सबसे महान है और श्रम सबसे सुंदर है” समय की मजबूत आवाज बन जाता है, तो यह न केवल श्रमिकों को श्रद्धांजलि देता है बल्कि एक प्राचीन सभ्यता के आधुनिकीकरण परिवर्तन की गहन व्याख्या भी प्रदान करता है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

पश्चिम बंगाल : 2016 शिक्षक भर्ती को लेकर प्रदर्शन, सीएम ममता से नौकरी की मांग

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कोलकाता, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) शासित पश्चिम बंगाल में सोमवार को संयुक्त शिक्षण एवं गैर-शिक्षण मंच-2016 ने प्रदर्शन किया। नौकरी की मांग को लेकर कोलकाता में सीएम आवास के नजदीक हाजरा में विरोध प्रदर्शन हुआ।

प्रदर्शन कर रहे लोगों ने टीएमसी सरकार से इस पर ध्यान देने की मांग की। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे उनके लिए कुछ करें, वे फिर से अपने स्कूल जाना चाहते हैं।

प्रदर्शन कर रहे नौकरी से वंचित शिक्षक डॉ. संयुक्ति भट्टाचार्य ने कहा, “इतनी गर्मी में, दोपहर में हम पिछले 4-5 दिनों से सड़क पर बैठे हैं। हजारों की संख्या में हम लोग एसएससी कार्यालय के सामने बैठे हैं। भीषण गर्मी, बारिश, हम सब कुछ अनदेखा करके सड़क पर बैठे हैं। हमारी मुख्यमंत्री से एक ही मांग है कि हमने कुछ भी गलत नहीं किया है, हमने कोई हत्या नहीं की है, हमने कोई डकैती नहीं की है। हमारा पूरा स्टाफ, हमारी काउंसलिंग, हर एक ओरिजिनल डॉक्यूमेंट, हमारा प्रशंसापत्र, सब कुछ चेक किया गया है, उसके बाद ही हमें नौकरी मिली है और हमने सात साल पूरी ईमानदारी से काम किया है।”

उन्होंने सरकार से ध्यान देने की अपील करते हुए कहा, हम ममता बनर्जी से यही कहना चाहते हैं कि वह कृपा करके हम पर थोड़ा गौर करें। हम चाहते हैं कि हमें पूरे सम्मान के साथ, पूरे वेतन के साथ हमारे स्कूल में वापस भेजा जाए, हमें हमारे स्थान पर भेजा जाए।

उत्तर दिनाजपुर जिले के प्रदर्शन कर रहे वंचित शिक्षक ने कहा, “हम 2016 भर्ती के शिक्षक हैं। सात सालों से स्कूल में पढ़ा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 17,206 शिक्षकों को स्कूल भेजने के लिए कहा था, एसएससी ऑफिस से एक लिस्ट जिले में भेजी गई थी। उस जिले में एसएससी चेयरमैन ने एक रंगीन पेज पर नाम भेजे थे, उसमें हमारा नाम नहीं था। सीएम कहती हैं कि हमारे कर्मचारी स्कूल जाएं, जिनका नाम डीआई ऑफिस ने नहीं दिया है। मुख्यमंत्री से मेरा अनुरोध है कि हमें स्कूल जाने द‍िया जाए।

कटिहार में प्रधानमंत्री जन औषधि योजना से गरीबों को मिल रही सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयां

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कटिहार, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। बिहार के कटिहार जिले में प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत खोले गए केंद्रों से लोगों को सस्ती दरों पर दवाइयां मिल रही हैं, जिससे उन्हें न केवल आर्थिक बचत हो रही है, बल्कि स्वास्थ्य की देखभाल भी बेहतर हो रही है। इस योजना के तहत बाजार की तुलना में काफी सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को लाभ मिल रहा है।

कटिहार में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र चला रहे सच्चिदानंद महतो ने बताया कि यहां बीपी, शुगर, कोलेस्ट्रॉल, थायराइड और हार्ट से संबंधित दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं, जो सस्ती दरों पर मिल रही हैं। महतो ने बताया कि सैकड़ों मरीज इस केंद्र से लाभ उठा रहे हैं और दवाइयां खरीदने में होने वाली बड़ी बचत से उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह योजना आम लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है, खासकर उन लोगों के लिए जो पहले दवाइयों की महंगी कीमतों के कारण सही इलाज नहीं करवा पाते थे।

प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के प्रोप्राइटर शहीद आलम महतो ने कहा कि इस केंद्र के खुलने से गरीबों और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए एक बड़ा सहारा मिला है। उन्होंने बताया कि लोग आसपास के जिलों जैसे किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार के ग्रामीण क्षेत्रों से यहां दवा लेने आते हैं, क्योंकि यहां दवाइयों के दाम बाजार की तुलना में बहुत सस्ते होते हैं। उदाहरण के तौर पर, एक दवा जो बाजार में 35 रुपये में मिलती है, यहां सिर्फ सात रुपये में मिल रही है। इसी तरह अन्य दवाइयों की कीमत भी बाजार के मुकाबले बहुत कम है, जिससे मरीजों को बड़ी राहत मिल रही है।

कटिहार निवासी आनंद राज ने भी इस योजना की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र से 50 प्रतिशत से भी ज्यादा सस्ती दवाइयां मिल रही हैं, जो पहले उन्हें बाजार में महंगी मिलती थीं। उन्होंने कहा कि यह केंद्र गरीबों के लिए एक बहुत बड़ी मदद है, क्योंकि यहां दवाइयां बहुत सस्ती कीमत पर मिल रही हैं और इलाज में भी सुधार हो रहा है।

कुलासी कस्बे के सिमरिया गांव से दवा लेने आए मोहम्मद आलम ने कहा कि प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र गरीबों के लिए एक वरदान साबित हाे रहा है। उन्होंने बताया कि पहले उन्हें दवाइयां खरीदने के लिए काफी पैसा खर्च करना पड़ता था, लेकिन अब इस केंद्र से उन्हें कम कीमत में अच्छी गुणवत्ता वाली दवाइयां मिल रही हैं। आलम ने कहा कि इस योजना का लाभ उन्हें और उनके परिवार को हो रहा है, और उनके पिता के स्वास्थ्य में भी काफी सुधार हुआ है।

पाकिस्तान हमारा खून बहाए, हम उसे पानी पिलाएं, यह नहीं हो सकता : शाहनवाज हुसैन

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नई दिल्ली, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 सैलानियों के मारे जाने के बाद भारत सरकार ने सिंधु बेसिन की स‍िंधु, झेलम, चिनाब नदियों का 80 फीसदी पानी, जो पाकिस्तान के लिए तय किया गया था, उसे भी बंद करने का ऐलान कर दिया। इस पर भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने सरकार के इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि पाकिस्तान हमारा खून बहाए और हम उसे पानी पिलाएं, यह नहीं हो सकता।

उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि हम पाकिस्तान को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसा देंगे। जो पानी पाकिस्तान के पास जा रहा है, उसकी सबसे ज्यादा जरूरत हमें है। जब देश का बंटवारा हुआ था, तब जिन्ना ने नदियों के बारे में नहीं सोचा था। नेहरू जी ने साल 1960 में तीन नदियों के पानी को पाकिस्तान को गिफ्ट कर दिया।

शाहनवाज हुसैन ने कहा कि हमने जो पानी पाकिस्तान को गिफ्ट किया, इसके बदले में हमें मिला क्या? सिर्फ आतंक। हम आतंक को खत्म करने के लिए पानी बंद करेंगे।

इसके बाद पाकिस्तान के रेल मंत्री हनीफ अब्बासी की परमाणु बम से हमले की धमकी पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में डर का इतना माहौल है कि बिलावल भुट्टो के परिवार के सारे लोग कनाडा भाग गए। जनरल आसिम मुनीर के घर के लोग भी देश छोड़कर भाग रहे हैं। पाकिस्तानियों को नींद नहीं आ रही है। पाकिस्तान का आलम इस समय यह है कि वहां नींद की गोलियां सबसे ज्यादा बिक रही हैं। पूरा पाकिस्तान डर के मारे थर-थर कांप रहा है। वह और करें आतंक। ऐसे ही करारा जवाब मिलेगा।

इसके बाद उन्होंने महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार के उस बयान की भी कड़ी आलोचना की जिसमें कहा गया था कि “आतंकियों के पास इतना समय नहीं होता कि वे धर्म पूछकर मारें।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता अपनी हरकतों से बाज नहीं आएंगे। कांग्रेस के नेताओं के बयान को पाकिस्तान डोजियर में शामिल करता है। इस समय पाकिस्तान की टीवी पर कांग्रेसी नेता ही छाए हुए हैं। इस समय पाकिस्तान में सिद्धारमैया के बयान को प्रमुखता से दिखाया जा रहा है। उनके एक्साइज मिनिस्टर ने कहा कि आतंकियों ने धर्म पूछा इसका क्या सबूत। ऐसा ही बयान रॉबर्ट वाड्रा ने दिया। कांग्रेस पार्टी का अपने नेताओं पर ही कंट्रोल नहीं है। एक तरफ सर्वदलीय बैठक में सरकार का समर्थन कर रहे हैं, दूसरी तरफ उनके नेता ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं।

मध्य प्रदेश के जबलपुर में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 15 दिन के नवजात की सफल सर्जरी, मिला नया जीवन

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जबलपुर, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत 15 दिन के एक नवजात बच्चे की सफल सर्जरी कर उसे नया जीवन दिया गया। यह सर्जरी मुंबई में हुई, और इसके लिए जिला प्रशासन की सजगता के कारण बच्चे को केंद्र सरकार की योजना का लाभ मिला।

आरबीएसके के प्रोग्राम मैनेजर सुभाष शुक्ला ने इस सफल इलाज के बारे में जानकारी दी। उन्होंने सोमवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा कि नवजात बच्चा विनायक पटेल पिछले सप्ताह जबलपुर जिला अस्पताल में भर्ती हुआ था। बच्चे की स्थिति गंभीर थी, और तत्काल उपचार की आवश्यकता थी। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मिलकर एक सर्जरी के लिए तुरंत स्वीकृति दी, और रविवार को बच्चे को मुंबई भेजा गया। वहां तीन दिन के भीतर एक विशेष बलून करेक्शन सर्जरी की गई, जो बच्चे की रक्तवाहिनियों को सही करती है। शुक्ला ने बताया कि यह सर्जरी सफल रही और बच्चा अब पूरी तरह से स्वस्थ हो गया है।

उन्होंने कहा कि इस सर्जरी के बाद, छह महीने के भीतर उसे एक और सर्जरी की जरूरत होगी, जिससे उसकी हृदय संबंधी समस्याएं पूरी तरह से ठीक हो सकेंगी। शुक्ला ने इस अवसर पर जिले और राज्य स्तर के अधिकारियों की सराहना की, जिन्होंने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, डॉक्टरों और शेष टीम का धन्यवाद किया, जिन्होंने इस कार्यक्रम के तहत बच्चों को समय पर इलाज मुहैया कराया।

शुक्ला ने कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम केंद्र सरकार द्वारा संचालित एक योजना है, जो जन्मजात विकृतियों का इलाज करती है। इस योजना के तहत बच्चों को गंभीर समस्याओं जैसे हृदय रोग, सुनने या बोलने में कमी जैसी जन्मजात विकृतियों का इलाज प्रदान किया जाता है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के तहत जिले में एक डायग्नोस्टिक ऑफिस और प्रत्येक ब्लॉक में डॉक्टरों और एनएम की टीम तैनात है, जो स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों का दौरा कर बच्चों को चिह्नित करते हैं और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजते हैं।

बच्चे की मौसी शालिनी पटेल ने बताया कि विनायक का इलाज परिवार की उम्मीद से भी बेहतर हुआ है। उन्होंने कहा, “मैं विशेष रूप से डॉक्टर सुभाष शुक्ला का आभार व्यक्त करना चाहती हूं, क्योंकि उनके प्रयासों के कारण ही यह सब संभव हो पाया। आज मेरा बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है, उसकी सांसें मजबूत हैं और वह अच्छे से जीवन जी रहा है।”

उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री मोहन यादव, स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख संदीप यादव की पूरी टीम को धन्यवाद दिया और उम्मीद जताई कि आगे का इलाज भी शानदार होगा।

शालिनी ने बताया कि जबलपुर से मुंबई पहुंचने में उन्हें कोई कठिनाई नहीं हुई, क्योंकि सभी व्यवस्थाएं पहले ही वहां से की जा चुकी थीं। उन्होंने कहा, “जैसे ही हम मुंबई पहुंचे, सब कुछ व्यवस्थित था और हमें किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। उपचार बेहद अच्छा हुआ।”

पीएम मोदी मंगलवार को युग्म कॉन्क्लेव में होंगे शामिल, भारत के नवाचार क्षेत्र को मिलेगी नई गति

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नई दिल्ली, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार सुबह 11 बजे नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित होने वाले युग्म (वाईयूजीएम) कॉन्क्लेव में शामिल होंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री वहां उपस्थित जनसमूह को संबोधित भी करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने इसकी जानकारी दी है।

युग्म का अर्थ “सम्‍म‍िलन” होता है। यह अपनी तरह का पहला रणनीतिक सम्मेलन है, जिसमें सरकार, शिक्षा जगत, उद्योग और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र के अग्रणी नेता एक मंच पर एकत्र होंगे।

इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य भारत के नवाचार सफर को और मजबूती देना है। वाधवानी फाउंडेशन और सरकारी संस्थानों के संयुक्त निवेश से संचालित लगभग 1,400 करोड़ रुपये की सहयोगी परियोजनाओं के माध्यम से इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान किया जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर और नवाचार आधारित भारत के विजन के अनुरूप इस सम्मेलन में कई प्रमुख परियोजनाओं की शुरुआत की जाएगी। इनमें आईआईटी कानपुर में एआई और इंटेलिजेंट सिस्टम्स के लिए सुपरहब और आईआईटी बॉम्बे में बायोसाइंसेज, बायोटेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में सुपर हब की स्थापना शामिल है।

इसके अलावा, वाधवानी इनोवेशन नेटवर्क केंद्रों की स्थापना शीर्ष अनुसंधान संस्थानों में की जाएगी ताकि अनुसंधान को व्यवसायीकरण तक पहुंचाया जा सके। साथ ही अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन के साथ साझेदारी के तहत उन्नत अनुवाद परियोजनाओं को संयुक्त रूप से वित्त पोषित किया जाएगा।

कॉन्क्लेव में उच्च स्तरीय गोलमेज सम्मेलन और पैनल चर्चाओं का आयोजन भी होगा, जिसमें सरकारी अधिकारी, उद्योग और शिक्षा जगत के शीर्ष नेता भाग लेंगे। कार्यक्रम में भारत भर से अग्रणी डीप टेक स्टार्टअप्स के नवाचारों की प्रदर्शनी भी लगेगी, और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग और साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए विशेष नेटवर्किंग अवसर प्रदान किए जाएंगे।

युग्म कॉन्क्लेव का उद्देश्य भारत के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र में बड़े पैमाने पर निजी निवेश को प्रोत्साहित करना, अनुसंधान से व्यवसायीकरण की प्रक्रिया को तेज करना, शैक्षणिक संस्थानों, उद्योग और सरकार के बीच सहयोग को सुदृढ़ करना, राष्ट्रीय पहल को आगे बढ़ाना और वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य की दिशा में नवाचार को राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाना है।

अवधेश प्रसाद ने सपा सांसद रामजी लाल सुमन पर हुए हमले का क‍िया विरोध, सुरक्षा की मांग

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अयोध्या, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। समाजवादी पार्टी के अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद ने सपा सांसद रामजी लाल सुमन पर हुए हमले पर सोमवार को विरोध जताया। उन्होंने कहा कि रामजी सुमन पर हमला कौन कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार की जानकारी में है।

अवधेश प्रसाद ने कहा कि अखिलेश यादव ने सरकार से कहा था कि इस तरह के जो भी संगठन और लोग हैं, उन्हें तत्काल रोका जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार उन्हें रोकने के बजाय बढ़ावा दे रही है। इतनी भीड़ में सड़क के किनारे सैकड़ों लोग टायर लिए खड़े रहकर इंतजार करते रहे कि रामजी लाल सुमन का काफिला कब आ रहा है। गाड़ियों के ऊपर टायर फेंके गए। यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब देश में हमारे 26 लोगों की हत्या करने वाले हमलावरों का सफाया करने की जरूरत है। आज उन हमलावरों के ऊपर हमला करने की जरूरत है।

अवधेश प्रसाद ने आगे कहा कि अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी का पूरा परिवार रामजी लाल सुमन के साथ है। देश के करोड़ों दलित और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को मानने वाले लोग आज रामजी लाल सुमन के साथ हैं। इसलिए मैं भारत सरकार से पुनः मांग करता हूं कि इस तरह की घटनाओं में हस्तक्षेप करे, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

इसके अलावा उन्होंने रामजी लाल सुमन की कड़ी सुरक्षा की मांग की। उन्होंने कहा कि ऐसे संगठनों और उकसाने वालों की जांच करते हुए उन्हें रोका जाए। उन्होंने यह भी कहा है कि अखिलेश यादव ने मांग की है कि पहलगाम हमले में मारे गए लोगों के परिवार को 10-10 करोड़ रुपये दिए जाएं, इस पर सरकार को अमल करना चाहिए।

सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि देश में आतंकवादियों के बढ़ते इस तरह के कदमों को रोकने के लिए कार्रवाई की जाए। साथ ही सरकार को सुरक्षा में कहां चूक हुई है, उसे भी दुरुस्त करना चाह‍िए। इसके साथ सरकार को आतंकियों के खिलाफ कड़े से कड़े कदम उठाने चाहिए। देश की सुरक्षा के लिए सरकार जो भी कदम उठाएगी, समाजवादी पार्टी और पूरा देश उसके साथ है।

बता दें कि समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन के काफिले पर अलीगढ़ में हमला हुआ था। जब उनका काफिला गुजर रहा था, इसी दौरान करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर गाड़ियों पर टायर फेंके थे। जिसके बाद उनकी कई गाड़ियां आपस में टकरा गईं, हालांकि कोई गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ।

अखिल चीन फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियंस की स्थापना की 100वीं वर्षगांठ पर महासभा का आयोजन

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बीजिंग, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। अखिल चीन फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियंस की स्थापना की 100वीं वर्षगांठ मनाने की महासभा यानी राष्ट्रीय मॉडल श्रमिक और श्रेष्ठ कार्यकर्ता सम्मानित करने की महासभा सोमवार को पेइचिंग जन वृहद भवन में धूमधाम से आयोजित हुई।

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने इसमें भाग लेकर महत्वपूर्ण भाषण दिया। उन्होंने बल दिया कि नए युग और नए अभियान में हमें सीपीसी के केंद्रित कार्य से प्रेरित होकर मजदूर वर्ग और व्यापक श्रमिक लोगों की मजबूत शक्ति एकत्र कर संघर्ष और योगदान कर कदम ब कदम चीनी राष्ट्र की महान पुनरुत्थान की रूपरेखा वास्तविक रूप में परिवर्तित करनी चाहिए।

पहली मई अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस पास आने के चलते शी चिनफिंग ने सीपीसी केंद्रीय कमेटी की ओर से देश की विभिन्न जातियों के मजदूरों, किसानों, बुद्धिजीवियों, अन्य श्रमिकों तथा विभिन्न स्तरों के ट्रेड यूनियंस तथा समग्र ट्रेड यूनियंस के कार्यकर्ताओं को हार्दिक बधाई दी, हांगकांग, मकाऊ तथा थाईवान क्षेत्र के ट्रेड यूनियंस और श्रमिक जगत के दोस्तों को त्योहार की शुभकामनाएं दीं और सम्मानित हुए राष्ट्रीय मॉडल श्रमिकों तथा श्रेष्ठ कार्यकर्ताओं को हार्दिक बधाई दी।

शी ने अपने भाषण में कहा कि अखिल चीन फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियंस की स्थापना के सौ वर्षों में सीपीसी के नेतृत्व में विभिन्न स्तरों के ट्रेड यूनियंस पार्टी के विभिन्न ऐतिहासिक कालों के केंद्रीय कार्यों पर आधारित होकर चीनी मजदूर वर्ग को लामबंद और एकत्र कर पार्टी के कदम के साथ युग में अग्रसर रहे और उन्होंने क्रांति, निर्माण और सुधार के महान कार्यों में अभूतपूर्व योगदान दिया और चीनी मजदूर आंदोलन का शानदार अध्याय लिखा।

शी ने बल दिया कि सौ वर्षों में मजदूर आंदोलन कार्य पर पार्टी के सैद्धांतिक सृजन और अभ्यास के विकास की सबसे अहम उपलब्धि यही है कि चीन विशेषता वाले समाजवाद के ट्रेड यूनियन के विकास का रास्ता निकाला गया है।

उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक प्रस्थान बिंदु पर खड़े होकर विभिन्न स्तरीय ट्रेड यूनियंस को सीपीसी केंद्रीय कमेटी के फैसले को पूरी तरह लागू कर ट्रेड यूनियन कार्य के गुणवत्ता विकास को बढ़ाना है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 71 हस्तियों को पद्म पुरस्कारों से किया सम्मानित

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नई दिल्ली, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। राष्ट्रपति भवन के गणतंत्र मंडप में सोमवार को पद्म पुरस्कारों का वितरण किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने चार पद्म विभूषण, 10 पद्म भूषण और 57 पद्म श्री पुरस्कारों से कुल 71 हस्तियों को सम्मानित किया।

नागरिक अलंकरण समारोह के पहले चरण में वर्ष 2025 के लिए पद्म पुरस्कारों का वितरण किया गया। वायलिन वादक लक्ष्मीनारायण सुब्रमण्यम को कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। सुजुकी मोटर के पूर्व सीईओ ओसामु सुजुकी (मरणोपरांत) को व्यापार और उद्योग के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पद्म विभूषण दिया गया। उनके बेटे और सुजुकी मोटर्स के सीईओ तोशीहिरो सुजुकी ने यह पुरस्कार ग्रहण किया।

फिल्म निर्देशक शेखर कपूर, अभिनेता और आंध्र प्रदेश के विधायक नंदमुरी बालकृष्ण, अभिनेता एस. अजित कुमार, गायक पंकज उधास (मरणोपरांत) को कला के क्षेत्र में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पंकज उधास की तरफ से उनकी पत्नी फरीदा पंकज उधास ने राष्ट्रपति से पुरस्कार ग्रहण किया। इनके अलावा पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी पी.आर. श्रीजेश को खेल के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पद्म भूषण पुरस्कार मिला।

गायिका जसपिंदर नरूला को कला के क्षेत्र में और क्रिकेटर रविचंद्रन अश्विन को खेल के क्षेत्र में उनके सराहनीय योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया।

प्रसिद्ध वैदिक विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ को भी पद्म श्री पुरस्कार मिला। उन्होंने अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा और वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के भूमि पूजन का शुभ समय तय किया था।

वैदिक संस्कृति और आध्यात्मिकता पर अपने लेखन के लिए जाने जाने वाले अमेरिकी लेखक और शोधकर्ता स्टीफन नैप को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए राष्ट्रपति से पद्म श्री पुरस्कार मिला।

उल्लेखनीय है कि पद्म पुरस्कार देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक हैं। हर साल ये पुरस्कार कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामले, विज्ञान और इंजीनियरिंग, उद्योग, चिकित्सा और साहित्य जैसे कई क्षेत्रों में समाज के लिए सकारात्मक योगदान के लिए दिए जाते हैं।

मायावती ने विरोधियों पर साधा निशाना, ‘कुछ लोग बहकावे में पार्टी से हो जाते हैं अलग लेकिन…’

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लखनऊ, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने सोमवार को विरोधी दलों पर तीखा हमला बोला। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के स्वाभिमान व आत्म-सम्मान के मिशन को सत्ता तक पहुंचाने में बीएसपी पूरी तरह समर्पित है और पार्टी में कार्यकर्ताओं के आने-जाने को लेकर जो भी फैसले होते हैं, वे निजी नहीं, बल्कि पार्टी और आंदोलन के हित में लिए जाते हैं।

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि कुछ विरोधी पार्टियों के षड्यंत्र के तहत कई बार पार्टी के कुछ कार्यकर्ता बहकावे में आकर अनुशासनहीनता या पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हो जाते हैं। ऐसे में पार्टी हित में उन्हें बाहर करना पड़ता है। हालांकि, जब वे अपनी गलती का एहसास कर वापस लौटना चाहते हैं और उन्हें पुनः पार्टी में शामिल किया जाता है, तो कांग्रेस, भाजपा व अन्य विरोधी पार्टियां इसे “आया राम, गया राम” कहकर बसपा की छवि को धूमिल करने की कोशिश करती हैं।

पार्टी ने आरोप लगाया कि जब यही प्रक्रिया विरोधी दलों द्वारा अपनाई जाती है, तो वे इसे “पार्टी हित में उठाया गया कदम” कहकर सामान्य बना देते हैं। बसपा ने इसे विरोधी दलों का दोहरा मापदंड करार दिया और अपने कार्यकर्ताओं को सतर्क रहने की अपील की है।

पार्टी ने साफ किया कि बीएसपी में अनुशासन और संगठनात्मक प्रतिबद्धता सर्वोपरि है और कोई भी निर्णय व्यक्तिगत हितों से नहीं, बल्कि मूवमेंट व संगठन की मजबूती के लिए लिया जाता है।

इससे पहले मायावती ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर कांग्रेस और भाजपा की तरह दलितों और बहुजनों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया था। उन्होंने सपा की कथित जातिवादी नीतियों और विश्वासघात की घटनाओं का जिक्र करते हुए बसपा के समतामूलक समाज स्थापित करने के मिशन को रेखांकित किया था।

मायावती ने पोस्ट में लिखा था, “कांग्रेस, भाजपा आदि की तरह सपा भी बहुजनों में से खासकर दलितों को इनका संवैधानिक हक देकर इनका वास्तविक हित, कल्याण व उत्थान करना तो दूर, इनकी गरीबी, जातिवादी शोषण व अन्याय-अत्याचार आदि खत्म करने के प्रति कोई सहानुभूति/इच्छाशक्ति नहीं है, जिस कारण वे लोग मुख्यधारा से कोसों दूर हैं।”

खरी बात