Monday, May 5, 2025
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‘यूटी69’ ट्रेलर लॉन्च में राज कुंद्रा रोने लगे, वह ट्रोलिंग से लेकर केस के बारे में खुलकर बातचीत करते दिखे

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मुंबई

बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी के पति और बिजनेसमैन राज कुंद्रा अपनी बायोपिक ला रहे हैं, जिसका नाम है 'यूटी69'। इसका ट्रेलर 18 अक्टूबर 2023 को रिलीज हुआ। ट्रेलर लॉन्च में कई महीनों के बाद राज कुंद्रा ने मुखौटा भी उतार दिया। वह लॉन्च इवेंट में इमोशनल भी हो गए और पति शिल्पा शेट्टी और बच्चों के बारे में ऐसी बात कह दी कि कार्यक्रम में मौजूद सभी उन्हें हौसला देने लगे।

'यूटी69' के ट्रेलर लॉन्च में राज कुंद्रा ने मास्क भी उतार दिया। पिछले लंबे समय से वह मीडिया से अपना चेहरा छुपा रहे थे। अब उन्होंने मुखौटा भी उतार दिया और अपनी जिंदगी, विवाद और हर बात का खुलकर जवाब दिया। इस दौरान वह कुछ बातों को लेकर भावुक भी हो गए। उन्हें इस कार्यक्रम में रोता भी देखा गया।

उतार दिया राज कुंद्रा ने मास्क
पॉर्न केस के बाद राज कुंद्रा को काफी ट्रोल किया गया था। इसके बाद से उन्होंने मास्क पहनना शुरू कर दिया था और मीडिया से भी वह रूबरू नहीं हुए थे। अब उन्होंने जवाब दिया कि वह क्यों नाराज थे। इस दौरान वह बात करते करते रो भी पड़े।

क्यों महीने तक पहना राज कुंद्रा ने मास्क
राज कुंद्रा ने कहा, 'ट्रोल्स मुझे कहते थे कि ये मुंह दिखाने लायक नहीं है। इसको लिंक भेजो। मैं समझ गया था कि मैं स्टार नहीं हूं। मेरे घर में एक ही स्टार है। मैंने ये सोच लिया था कि मास्क ही मेरा स्टार बन गया है। अगर मैं पहले ही दिन मास्क उतार देता तो लोग ये फिल्म नहीं देखते।'

रो पड़े शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा
राज कुंद्रा एक सवाल का जवाब देते हुए रो पड़े। उन्होंने कहा, 'मुझे बोलो जो बोलना है। मेरी पत्नी, बच्चों और फैमिली पर मत जाओ। उन्होंने आपका क्या बिगाड़ा है।' इतना कहकर राज कुंद्रा अपनी पीठ मोड़ लेते हैं और उनकी आंखों से आंसू बहने लगते हैं।

12 वैकल्पिक फोटोयुक्त दस्तावेजों में से कोई एक भी दिखाकर मतदाता कर सकेंगे मतदान

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भोपाल

यदि किसी मतदाता का नाम मतदाता सूची में दर्ज है परंतु उसके पास किसी वजह से मतदाता परिचय पत्र उपलब्ध नहीं है तो भी वह मताधिकार का उपयोग कर सकेगा। मतदाता परिचय पत्र के अलावा 12 वैकल्पिक फोटो युक्त दस्तावेज दिखाकर मतदान कर सकेंगे। इसी प्रकार यदि किसी कारण से किसी नागरिक को मतदाता सूचना पर्ची प्राप्त नहीं होती है, लेकिन उसका नाम मतदाता सूची में दर्ज है तो भी वह मतदान कर सकेगा।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि सभी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में सभी मतदाताओं को फोटो पहचान पत्र जारी किया जा रहा है। जो मतदाता वोटर आईडी कार्ड प्रस्तुत करने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें अपनी पहचान स्थापित करने के लिए 12 वैकल्पिक फोटोयुक्त पहचान दस्तावेजों में से कोई एक दिखाना होगा।

राजन ने बताया कि 12 वैकल्पिक फोटोयुक्त पहचान दस्तावेजों में आधार कार्ड, मनरेगा जाब कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटो सहित पेंशन दस्तावेज, केंद्र/राज्य सरकार/पीएसयू/सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, बैंक/डाकघर द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के तहत आरजीआई द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड, श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, सांसदों/विधायकों/एमएलसी को जारी किए गए आधिकारिक पहचान पत्र और भारत सरकार के सामाजिक न्याय मंत्रालय द्वारा दिव्यांगजनों को जारी यूनिक डिसेबिलिटी आईडी शामिल है ।

अप्रवासी भारतीय मतदाताओं (एनआरआई) को केवल पहचान के लिए अपना मूल पासपोर्ट दिखाना होगा। यदि ईपिक में किसी मतदाता के फोटोग्राफ आदि का मिलान न हो पाने के कारण मतदाता की पहचान करना संभव नहीं है, तो उस मतदाता को उपरोक्त 12 वैकल्पिक फोटोयुक्त दस्तावेजों में से कोई एक दिखाना होगा।

 

केंद्रीय कर्मचारियों को एडहॉक बोनस, मोदी सरकार ने दी बड़ी सौगात

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नई दिल्ली
 दीपावली पर एडहॉक कर्मियों के लिए खुशखबरी है। वित्त मंत्रालय ने उन्हें बोनस देने की घोषणा की है। बोनस के रूप में एडहॉक कर्मियों को महीने भर के वेतन जितनी राशि मिलेगी। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने यह आदेश केंद्र सरकार के ग्रुप बी एवं ग्रुप सी के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों के लिए की है। जो कर्मचारी किसी प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस स्कीम के तहत नहीं आते है, उन्हे भी बोनस के दायरे में रखा गया है। ऐसे कर्मियों और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों कर पात्र कर्मियो को भी बोनस दिया जायेगा। हालांकि बोनस पाने के लिए पात्रता के रूप में कम से कम 6 माह नौकरी करने को अनिवार्य शर्त रखा गया है।

केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय ने अस्थाई कर्मचारियों को राहत देने के लिए यह बोनस स्कीम लाई है। इसमें केंद्र सरकार के अंतर्गत आने वाले ऐसे अराजपत्रित ग्रुप बी व ग्रुप सी के कर्मचारी पात्र होंगे जो वित्तीय वर्ष 2022–2023 में कम से कम 6 माह तक नियमित नौकरी की हो। जो कर्मचारी 31 मार्च 2023 से पहले रिटायर हो गए हो या उनकी मृत्यु हो गई तो तब भी उन्हें बोनस का लाभ मिलेगा यदि उन्होंने वित्तीय वर्ष 2022–2023 में 6 माह की सेवा अवधि पूरी की हो। ऐसे कर्मचारी जो भले ही लंबे समय से अस्थाई कर्मचारी के रूप में कार्य करते आ रहे हो पर वित्तीय वर्ष 2022–23 में अस्थाई कर्मचारी या एडहॉक कर्मचारी के रूप में 6 माह का कार्यकाल पूरा करने से पहले ही नियमित हो गए हो तो वे बोनस के लिए पात्र नहीं माने जायेंगे। अनिवार्य तौर पर यह सुनिश्चित किया गया है कि 6 माह की सेवा अवधि के दौरान कोई सर्विस बैंक ना हो। यदि कर्मचारी वित्तीय वर्ष के दौरान अर्धवेतन अवकाश पर है, शैक्षणिक अवकाश पर है या ईओएल पर है तो ऐसे कर्मचारियों का अप तो अधिक के अलावा नियमों से पर एक कोई अवकाश गिनती में नहीं लिया जाएगा। हालांकि सऊदी को ब्रेकिंग सर्विस भी नहीं माना जाएगा।

ऐसे कर्मचारी जो प्रतिनियुक्ति पर विदेश सेवा, केंद्र शासित प्रदेश या किसी पब्लिक सेक्टर यूनिट में 31 मार्च 2023 की स्थिति में कार्यरत है तो उन्हें बोनस देने की जवाबदारी उस संस्थान, विभाग या मंत्रालय की होगी जहां 31 मार्च 2023 की स्थिति में कर्मचारी कार्यरत है। ऐसे कर्मचारियों को बोनस उन्हें प्रतिनियुक्ति पर लेने वाला विभाग, मंत्रालय या पीएसयू देगा ना की कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर सौंपने वाला विभाग। इसी तरह राज्य सरकार संघ क्षेत्र और पब्लिक सेक्टर यूनिट से कोई कर्मचारी यदि रिवर्स डेपुटेशन पर केंद्र सरकार में आता है तो उन्हें भी एडहॉक बोनस दिया जाएगा।

यदि वित्तीय वर्ष में कोई कर्मचारी निलंबित रहा हो तो उसे निलंबन समाप्त होने के बाद सेवा में दोबारा आने पर जब पहले सेवा में रहने पर मिलने वाले सभी लाभ मिलते हैं इस स्थिति में ऐसे कर्मचारी बोनस के पात्र होंगे। यदि अस्थाई कर्मचारी विभिन्न मंत्रालय में एक मंत्रालय से दूसरे मंत्रालय चले जाएं या एक विभाग से दूसरे विभाग में स्थानांतरित हो जाए तो उनके दोनों विभागों की सेवा अवधि को जोड़कर यदि 6 माह की वित्तीय वर्ष में सेवा हो तो बोनस प्रदान किया जाएगा। बोनस के लिए ऐसे करने भी पात्र होंगे जो प्रतियोगी परीक्षा पास कर दूसरे विभाग में जॉइनिंग का चुके हैं। हालांकि वर्तमान नियुक्ति वाला विभाग बोनस नहीं देगा। उन्होंने संविदा कर्मचारी के रूप में जिस विभाग में काम किया है, वह विभाग बोनस प्रदान करेगा।

दैनिक वेतन भोगी के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों को यह बोनस नहीं दिया जाएगा। अनुबंध वाले ऐसे कर्मचारी जो दूसरे भत्ते के लिए पात्र है, उन्हें एडहॉक बोनस मिलेगा। ऐसे कर्मचारी जो उक्त भत्ते की श्रेणी में नहीं आते, उसे कैजुअल लेबर के हिसाब से बोनस दिया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा की गई दिवाली बोनस घोषणा से लाखों अस्थाई व संविदा कर्मचारियों को लाभ होगा। कर्मचारियों के हाथों में पैसा पहुंचने पर उनकी दिवाली तो जगमग होगी ही, साथ ही बाजार भी रौशन रहेगा।

ऐसे होगी बोनस की गणना

कर्मचारियों की ऐवरेज सैलरी, गणना की उच्चतम सीमा के अनुसार, जो भी कम हो, उसके आधार पर बोनस जोड़ा जाता है। 30 दिनों का मासिक बोनस करीब एक महीने की सैलरी के बराबर होगा। उदाहरण के लिए अगर किसी कर्मचारी को 18000 रुपए मिल रहे हैं, तो उसका 30 दिनों का मासिक बोनस लगभग 17,763 रुपए होगा। इसमें कैलकुलेशन के हिसाब से 7000*30/30.4= 17,763.15 रुपए (17,763 रुपए) बनेगा।

 

अग्रसेन जयंती महोत्सव 2023 समापन पुरस्कार व अग्रवाल सभा डायरेक्टरी विमोचन

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रायपुर

अग्रसेन जयंती महोत्सव 2023 समापन पुरस्कार व अग्रवाल सभा डायरेक्टरी विमोचन के साथ हुआ। इस अवसर पर अग्रवाल सभा के अध्यक्ष विजय अग्रवाल ने कहा कि समाज को बनाने व तरक्की की राह पर ले जाने अग्रबंधु अब संगठित हो गए हैं। उक्त जानकारी जयंती सह प्रभारी संजय अग्रवाल एवं प्रचार प्रसार आयुष मुरारका ने विज्ञप्ति में दी।

अग्रवाल सभा के अध्यक्ष विजय अग्रवाल ने कहा कि समाज को बनाने व तरक्की के राह पर ले जाने के लिए समस्त अग्रबंधु संगठित हो गए हैं जिसे हम सब ने मिलकर मोहल्ला समिति बनाया और अग्रसेन जयंती के अवसर पर अलग-अलग जगहों पर आयोजन किया और फिर एक साथ एकत्र होकर अग्रसेन धाम में बड़ा आयोजन किया, इससे यह साबित होता है कि समाज के लोग कितने संगठित है। डॉक्टर प्रभारी कमलेश्वर अग्रवाल द्वारा मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया जिसमें समाज के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपना इलाज करवाया। इसके अलावा समाज के दानदाताओं ने अग्रसेन धाम में 35 कमरों के निर्माण के लिए स्वयं होकर आगे आए और आने वाले दिनों में अग्रसेन धाम छोकरा वाला में 75 कमरों का निर्माण किया जाएगा जिससे अग्रबंधुओं के अलावा अन्य समाज के लोगों को इसका लाभ मिलेगा।

मुख्य अतिथि रविकांत गर्ग ने कहा कि बहुत सारे समाजों में जाने का मौका मिला परंतु अग्रवाल समाज रायपुर में आकर यहां के लोगों के बीच में अपनी बात रखकर जो आनंद की अनुभूति और संगठन को इतना मजबूत देखने का आनंद पहले मुझे किसी भी राज्य में नहीं मिला। यहां अग्रवाल समाज के समस्त बंधु अपना पूरा समय समाज को आगे ले जाने के लिए देते हैं। सुशील सराफ ने कहा कि एक संगठित समाज को जब पूरा भारतवर्ष देखता है तो वह इस बात का अंदाजा लगा लेता है कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति समाज के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रहा है और वह अपने व्यापार और परिवार को आगे बढ़ा रहा है, साथ ही समाज में भी अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। अग्रवाल सभा द्वारा प्रकाशित अग्रवाल सभा डायरेक्टरी का विमोचन डायरेक्टरी प्रभारी कैलाश मुरारका के निर्देशन में मुख्य अतिथि के कर कमलों द्वारा किया गया। सभा द्वारा समस्त विजेताओं एवं राष्ट्रीय स्तर पर जिन्होंने समाज का नाम रोशन किया है ऐसे प्रतिभान बच्चों को सम्मानित किया गया।

चुनरी यात्रा 22 को, महिला शिवसैनिक चढ़ाएंगी माँ महामाया को चुनरी

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रायपुर

छत्तीसगढ़ शिवसेना उद्धव बाला साहब ठाकरे के द्वारा नवरात्रि के शुभ अवसर पर 22 अक्टूबर को संध्या 5 विवेकानंद आश्रम तिहारा से महामाया मंदिर तक चुनरी यात्रा निकाली जाएगी। यह यात्रा पिछले वर्षों से छत्तीसगढ़ शिवसेना उद्धव बाला साहब ठाकरे के द्वारा निकाली जा रही है।

महिला प्रदेश अध्यक्ष ज्योति सिंह ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि पिछले 15 वर्षों से महिला सेना के द्वारा नवरात्र के अवसर पर माँ महामाया को चुनरी चढ़ाया जा रहा है। चूंकि इस समय प्रदेश में आचार संहिता लागू है इसलिए जिला प्रशासन से विशेष अनुमति लेकर 22 अक्टूबर को संध्या 5 बजे विवेकानंद आश्रम से चुनरी यात्रा प्रारंभ होगी जो आमापारा, लाखेनगर, सारथी चौक, लीली चौक, पुरानी बस्ती होते हुए महामाया मंदिर पहुंचेगी जहां माँ महामाया को चुनरी भेंट स्वरुप महिला शिवसैनिकों के द्वारा चढ़ाई जाएगी और माँ महामाया से प्रदेश की खुशहाली और सुख-समृद्धि के लिए दुआएं मांगेंगे।

डेंगू रोग के बचाव और रोकथाम के लिये उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक

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भोपाल

डेंगू रोग के बचाव और रोकथाम के लिये मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की अध्यक्षता में मंत्रालय में समीक्षा बैठक हुई, जिसमें डेंगू रोग पर नियंत्रण और रोकथाम के लिये संचालित गतिविधियों की समीक्षा की गई। अपर मुख्य सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मोहम्मद सुलेमान, आयुक्त-सह-सचिव स्वास्थ्य डॉ. सुदाम खाड़े, मिशन संचालक एन.एच.एम. श्रीमती प्रियंका दास सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में मुख्य सचिव द्वारा डेंगू बीमारी के नियंत्रण एवं जनसमुदाय की सहभागिता तथा जागरूकता के लिये व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये गए। उन्होंने बताया कि प्रदेश में डेंगू की पर्याप्त जांच एवं उपचार की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि डेंगू के लक्षण आने पर जन-समुदाय को नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टर की सलाह अनुसार जांच एवं उपचार के लिये समझाइश दिया जाना आवश्यक है।

बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में अभी तक वर्ष 2023 में 46 हजार से अधिक संभावित रोगियों की जांच में 3 हजार 21 डेंगू प्रकरण पाये गये हैं जिन्हें आवश्यकतानुसार उपचार प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। डेंगू बीमारी डेन वायरस के कारण से होती है। संक्रमित मादा एडीज मच्छर द्वारा मनुष्यों को काटने से फैलता है। डेंगू से बचाव के लिए जरूरी है कि मच्छर के काटने से अपना बचाव करें।

जन-समुदाय के लिये सुझाव है कि बुखार एवं डेंगू के लक्षण आने पर स्वयं उपचार न करें, डॉक्टर की सलाह अनुसार ही उपचार लें और पर्याप्त मात्रा में आराम एवं तरल पदार्थ का सेवन करें। घरों के आसपास जल का जमाव नहीं होने दें। मच्छर (एडीज मच्छर) के प्रजनन को नियंत्रित रखें, सप्ताह में एक बार अनिवार्यतः समस्त जल के पात्र/कंटेनर इत्यादि की जांच कर उनकी साफ-सफाई रखना आवश्यक है, जिससे मच्छरजन्य परिस्थिति को समाप्त किया जा सके। सावधानी रखें सुरक्षित रहें।

 

मिसटारगेटेड रॉकेट गाजा के अस्पताल पर गिरा, 500 मौतें, UAE, रूस ने बुलाई UN की इमरजेंसी मीटिंग

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गाजा

इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग थमने का नाम नहीं ले रही है. इसमें अबतक दोनों ओर के 4500 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन इजरायल के साथ एकजुटता दिखाने के लिए आज तेल अवीव पहुंच रहे हैं. इस बीच मंगलवार देर रात हमास ने दावा किया कि इजरायली सेना ने गाजा के एक अस्पताल पर हमला कर दिया, जिसमें अबतक 500 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं हमास के दावे पर इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने भी जवाब दिया है.  

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन ने कहा कि पूरी दुनिया को पता होना चाहिए कि गाजा में जो बर्बर हमला हुआ है, उसे आतंकवादियों ने अंजाम दिया है, न कि इजरायली सेना ने. जिन लोगों ने हमारे बच्चों की बेरहमी से हत्या की, वे अपने बच्चों की भी हत्या करते हैं.  

अस्पताल पर हमले को लेकर IDF का बयान 

इससे पहले आईडीएफ ने जानकारी देते हुए बताया था कि अस्पताल पर हमले के लिए इस्लामिक जिहाद जिम्मेदार है. IDF ने कहा, दुश्मन की ओर से इजरायल पर कई रॉकेट लॉन्च किए गए थे, जिसमें से एक असफल रॉकेट ने गाजा के इस अस्पताल को अपना निशाना बनाया. हमारे पास मौजूद कई खुफिया जानकारी के अनुसार, अस्पताल में हुए इस रॉकेट अटैक के लिए इस्लामिक जिहाद आतंकवादी संगठन जिम्मेदार है.  

यह हवाई हमला मध्य गाजा के अल अहली अस्पताल पर हुआ है. इसे गाजा पट्टी का आखिरी क्रिश्चियन हॉस्पिटल बताया जा रहा है. गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया था कि मंगलवार रात इजरायली सेना ने अल अहली अरबी बापटिस्ट अस्पताल पर एयर स्ट्राइक की. इस अस्पताल में बड़ी संख्या में घायल और अन्य फिलिस्तीनी शरण लिए हुए थे.  

UAE, रूस ने बुलाई UN की इमरजेंसी मीटिंग

टाइम्स ऑफ इजरायल के मुताबिक, UAE और रूस ने इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की इमरजेंसी बैठक बुलाई है. यह बैठक गाजा में अस्पताल पर हुए हमले के बाद बुलाई गई है, जिसमें 500 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए हैं. 

सऊदी अरब, यूएई, बहरीन, मिस्र, जॉर्डन और तुर्की ने गाजा के अस्पताल पर हमले के लिए इजरायल पर आरोप लगाया है, जिसमें सैकड़ों फिलिस्तीनी मारे गए हैं. बहरीन ने इस हमले के बाद तत्काल सीजफायर की अपील की है.  

हिजबुल्लाह ने गाजा में अस्पताल पर हमले को बताया नरसंहार

लेबनान के हिजबुल्लाह ने गाजा पट्टी के अस्पताल में विस्फोट की निंदा करने के लिए 'क्रोध दिवस' की अपील की है. हिजबुल्लाह ने इसे नरसंहार बताते हुए इजरायल को दोषी ठहराया है. हिजबुल्लाह ने हमले को "नरसंहार" और "क्रूर अपराध" बताते हुए कहा, "बुधवार, दुश्मन के खिलाफ गुस्से का दिन हो." 

अस्पताल पर हमले की WHO ने की निंदा 

गाजा पट्टी के अल अहली अरब अस्पताल पर इजरायल के हमले की विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी निंदा की है. WHO ने बयान जारी कर कहा कि अस्पताल में मरीजों का इलाज चल रहा था. वहां मरीजों की देखभाल करने वाले और कई विस्थापित लोगों ने आश्रय लिया था, शुरुआती रिपोर्टों में सैकड़ों मौतों की जानकारी है.  

WHO के मुताबिक, यह अस्पताल गाजा पट्टी के उत्तर में स्थित 20 अस्पतालों में से एक था, जो इजरायली सेना के निकासी आदेशों का सामना कर रहा है. असुरक्षा, कई मरीजों की गंभीर हालत और विस्थापित लोगों के लिए एम्बुलेंस, बेड क्षमता और रहने की व्यवस्था की कमी को देखते हुए निकासी के आदेश को लागू करना असंभव है.  

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मांग की है कि इजरायली सेना को लोगों को नॉर्थ गाजा खाली करने का आदेश वापस लेना चाहिए. उसे अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करना चाहिए. जिसके मुताबिक, अस्पतालों को संरक्षित किया जाना चाहिए और उन्हें टारगेट नहीं करना चाहिए.  

तुर्की के राष्ट्रपति ने क्या कहा? 

तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने गाजा पर इजरायल के हमले का विरोध करते हुए कहा कि गाजा पट्टी के महिलाओं, बच्चों और निर्दोष लोगों वाले अस्पताल पर हमला करना बुनियादी मानवीय मूल्यों से रहित इजरायल के हमलों का सबसे ताजा उदाहरण है. मैं गाजा में इस अभूतपूर्व क्रूरता को रोकने के लिए कार्रवाई करने के लिए पूरी मानवता को आमंत्रित करता हूं.  

इस बीच तुर्की की संसद में सभी राजनीतिक दलों ने संयुक्त बयान में गाजा पर हुए हमले की कड़े शब्दों में निंदा की. इसमें कहा गया कि यह मानवता के खिलाफ अपराध है. 

इजरायल ने नागरिकों से तुरंत तुर्की छोड़ने को कहा  

इस बीच इजरायल नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की ओर से नागरिकों को तुर्की की यात्रा को लेकर चेतावनी दी है. द येरुशलम पोस्ट के मुताबिक, इजरायल ने चेतावनी का स्तर बढ़ाते हुए अपने नागरिकों को तुरंत तुर्की छोड़ने के लिए कहा है.

बाइडेन का अरब नेताओं के साथ शिखर सम्मेलन कैंसिल

गाजा के अस्पताल में हुए हमले के बाद जॉर्डन के विदेश मंत्री अयमान सफादी ने घोषणा की कि अम्मान में जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी और फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास के साथ होने वाली बाइडेन की शिखर बैठक रद्द कर दी गई है.

व्हाइट हाउस ने भी जॉर्डन में बाइडेन के साथ होने वाले इस शिखर सम्मेलन को रद्द करने की पुष्टि की है. व्हाइट हाउस की ओर से बयान जारी कर बताया गया है कि जॉर्डन, मिस्र और फिलिस्तीन के नेताओं के साथ अम्मान में एक शिखर सम्मेलन आयोजित करना था, लेकिन अब जॉर्डन ने घोषणा कर दी है कि वह गाजा में अस्पताल पर हुई बमबारी के बाद बैठक को रद्द कर रहा है, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए हैं. 

गाजा के 3 हजार लोगों की मौत 

गाजा पट्टी के अस्पताल पर हुए हमले से पहले हमास के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बताया गया था कि इजरायल के हमले में हमास के तीन हजार लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 12,500 से ज्यादा लोग घायल हैं. वहीं हमास के हमले में इजरायल के 1400 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

भारत को वर्ल्ड कप: भारत vs बांग्लादेश: भारत को बांग्लादेश से सावधान रहने की जरूरत, जीत का चौका लगाने का है मौका

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नई दिल्ली
भारत को वर्ल्ड कप में अपना अगला मुकाबला बांग्लादेश के खिलाफ खेलना है। बांग्लादेश के खिलाफ 19 अक्टूबर यानी कि गुरुवार को होने वाले इस मुकाबले पर फैंस की नजर बनी हुई है। बांग्लादेश की टीम ने भारत को एशिया कप में हराया था। एशिया कप में भारत को सिर्फ एक हार का सामना करना पड़ा था। जिसमें बांग्लादेश की टीम ने भारत को हराने में सफलता हासिल की थी। भारतीय टीम का दमदार प्रदर्शन: रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम ने वर्ल्ड कप में अब तक जबरदस्त प्रदर्शन किया है। भारत ने अपना पहला मुकाबला ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीता, वहीं दूसरे मैच में भारत ने अफगानिस्तान को एक तरफा अंदाज में हराया। ऑस्ट्रेलिया, अफगानिस्तान के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भी भारतीय टीम का दमदार प्रदर्शन जारी रहा। भारतीय टीम ने पाकिस्तान के खिलाफ भी सात विकेट से जीत हासिल की। लगातार तीन मैच जीतने के बाद भारतीय टीम की सेमीफाइनल में जाने की उम्मीदें बढ़ गई है।

जीत का चौका लगाने का मौका: बांग्लादेश को हराकर भारत के पास जीत का चौका लगाने का मौका होगा। भारतीय टीम लगातार चार मैच जीतकर अपनी दावेदारी को और मजबूत करना चाहेगी। बांग्लादेश के खिलाफ भारतीय टीम किसी तरह का कोई रिस्क नहीं उठाना चाहेगी। भारतीय टीम अपने बेस्ट खिलाड़ियों के साथ इस मुकाबले में उतरेगी। कप्तान रोहित शर्मा शायद ही प्लेइंग इलेवन में किसी तरह का कोई बदलाव करें।

रोहित शर्मा, शुभमन गिल के अलावा केएल राहुल और श्रेयस अय्यर भी बेहतरीन फॉर्म से गुजर रहे हैं। ऐसे में इन खिलाड़ियों की कोशिश बांग्लादेश के खिलाफ भी अपने फार्म को जारी रखने की होगी। कप्तान रोहित शर्मा को सावधान रहने की जरूरत है। बांग्लादेश के खिलाफ कप्तान रोहित शर्मा किसी भी तरह की गलती नहीं करना चाहेंगे। बांग्लादेश की टीम भारत के खिलाफ वर्ल्ड कप में काफी जोश और जुनून के साथ मैदान में उतरती है।

बांग्लादेश से रहना होगा सावधान: साल 2007 में भारत को बांग्लादेश ने हराकर वर्ल्ड कप से बाहर का रास्ता दिखाया था। इसके अलावा बांग्लादेश की टीम आईसीसी के बड़े इवेंट्स में भारत को कड़ी चुनौती देने का काम कर चुकी है। बांग्लादेश की टीम वर्ल्ड कप का आगाज अफगानिस्तान को हराकर किया था। लेकिन उसके बाद टीम के प्रदर्शन में गिरावट आई है। ऐसे में भारत के खिलाफ बांग्लादेश की भी कोशिश जीत हासिल करने पर होगी।
 

समलैंगिक कपल बच्चों को ले सकते हैं गोद: CJI

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नईदिल्ली

सेम सेक्स मैरिज को कानूनी मान्यता देने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. SC कानून बनाने पर साफ कहा कि यह हमारे अधिकार में नहीं है. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में चार फैसले हैं. कुछ सहमति के हैं और कुछ असहमति के. सीजेआई ने कहा, अदालत कानून नहीं बना सकता है, लेकिन कानून की व्याख्या कर सकता है. फैसले के दौरान सीजेआई और जस्टिस भट ने एक-दूसरे से असहमति जताई.

सीजेआई का कहना था कि निर्देशों का उद्देश्य कोई नई सामाजिक संस्था बनाना नहीं है. वे संविधान के भाग 3 के तहत मौलिक अधिकारों को प्रभावी बनाते हैं. CJI ने कहा, CARA विनियमन 5(3) अप्रत्यक्ष रूप से असामान्य यूनियनों के खिलाफ भेदभाव करता है. एक समलैंगिक व्यक्ति केवल व्यक्तिगत क्षमता में ही गोद ले सकता है.  इसका प्रभाव समलैंगिक समुदाय के खिलाफ भेदभाव को मजबूत करने पर पड़ता है. विवाहित जोड़ों को अविवाहित जोड़ों से अलग किया जा सकता है. उत्तरदाताओं ने यह दिखाने के लिए रिकॉर्ड पर कोई डेटा नहीं रखा है कि केवल विवाहित जोड़े ही स्थिरता प्रदान कर सकते हैं.

CJI ने कहा कि मुझे जस्टिस रवींद्र भट्ट के फैसले से असहमति है. जस्टिस भट्ट के निर्णय के विपरीत मेरे फैसले में दिए गए निर्देशों के परिणामस्वरूप किसी संस्था का निर्माण नहीं होता है, बल्कि वे संविधान के भाग 3 के तहत मौलिक अधिकारों को प्रभावी बनाते हैं. मेरे भाई जस्टिस भट्ट भी स्वीकार करते हैं कि राज्य यानी शासन समलैंगिक समुदाय के खिलाफ भेदभाव कर रहा है. वो उनकी दुर्दशा को कम करने के लिए अनुच्छेद 32 के तहत शक्तियों का प्रयोग नहीं करता है.

सीजेआई के फैसले में बड़ी बातें…

  • – यह ध्यान दिया गया है कि विवाहित जोड़े से अलग होना प्रतिबंधात्मक है क्योंकि यह कानून द्वारा विनियमित है लेकिन अविवाहित जोड़े के लिए ऐसा नहीं है.
  • – घर की स्थिरता कई कारकों पर निर्भर करती है, जिससे स्वस्थ कार्य जीवन संतुलन बनता है और स्थिर घर की कोई एक परिभाषा नहीं है और हमारे संविधान का बहुलवादी रूप विभिन्न प्रकार के संघों का अधिकार देता है.  
  • – CARA विनियमन 5(3) असामान्य यूनियनों में भागीदारों के बीच भेदभाव करता है. यह गैर-विषमलैंगिक जोड़ों पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा और इस प्रकार एक अविवाहित विषमलैंगिक जोड़ा गोद ले सकता है, लेकिन समलैंगिक समुदाय के लिए ऐसा नहीं है.
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  • – कानून अच्छे और बुरे पालन-पोषण के बारे में कोई धारणा नहीं बना सकता है और यह एक रूढ़ि को कायम रखता है कि केवल विषमलैंगिक ही अच्छे माता-पिता हो सकते हैं. इस प्रकार विनियमन को समलैंगिक समुदाय के लिए उल्लंघनकारी माना जाता है.
  • – सीजेआई ने कहा, निर्देशों का उद्देश्य नई सामाजिक संस्था बनाना नहीं है. यह अदालत आदेश के माध्यम से केवल एक समुदाय के लिए शासन नहीं बना रही है, बल्कि जीवन साथी चुनने के अधिकार को मान्यता दे रही है.

5 जजों की संविधान पीठ ने सुनाया फैसला

बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ ने 11 मई को सुनवाई पूरी कर ली थी और फैसला सुरक्षित रख लिया था. इससे पहले 18 समलैंगिक जोड़ों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका में विवाह की कानूनी और सोशल स्टेटस के साथ अपने रिलेशनशिप को मान्यता देने की मांग की थी. याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली बेंच में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एसके कौल, एसआर भट्ट, हेमा कोहली और पीएस नरसिम्हा शामिल थे.

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि ऐसी कोई सामग्री नहीं है जो यह साबित करती हो कि केवल एक विवाहित विषमलैंगिक जोड़ा ही बच्चे को स्थिरता प्रदान कर सकता है। इन लोगो को अधिकार देने चाहिए। मान्यता न देना अप्रत्यक्ष रूप से स्वतंत्रता का उल्लंघन है।

सीजेआई ने केंद्र और राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि समलैंगिक समुदाय के लिए वस्तुओं और सेवाओं तक पहुंच में कोई भेदभाव न हो और सरकार को समलैंगिक अधिकारों के बारे में जनता को जागरूक करने का निर्देश दिया। सरकार समलैंगिक समुदाय के लिए हॉटलाइन बनाएगी, हिंसा का सामना करने वाले समलैंगिक जोड़ों के लिए सुरक्षित घर 'गरिमा गृह' बनाएगी और यह सुनिश्चित करेगी कि अंतर-लिंग वाले बच्चों को ऑपरेशन के लिए मजबूर न किया जाए।

"केंद्र सरकार समलैंगिक संघों में व्यक्तियों के अधिकारों और हकों को तय करने के लिए एक समिति का गठन करेगी। यह समिति समलैंगिक जोड़ों को राशन कार्डों में 'परिवार' के रूप में शामिल करने, समलैंगिक जोड़ों को संयुक्त बैंक खातों के लिए नामांकन करने में सक्षम बनाने, पेंशन से मिलने वाले अधिकारों पर विचार करेगी। ग्रेच्युटी आदि। समिति की रिपोर्ट को केंद्र सरकार के स्तर पर देखा जाएगा।

सीजेआई ने कहा, "यौन अभिविन्यास के आधार पर संघ में प्रवेश करने का अधिकार प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता है। विषमलैंगिक संबंधों में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को व्यक्तिगत कानूनों सहित मौजूदा कानूनों के तहत शादी करने का अधिकार है। समलैंगिक जोड़ों सहित अविवाहित जोड़े संयुक्त रूप से एक बच्चे को गोद ले सकते हैं ।"
सीजेआई का कहना है, "इस न्यायालय ने माना है कि समलैंगिक व्यक्तियों के साथ भेदभाव नहीं किया जाता है और उनके संघ में यौन अभिविन्यास के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता है। समलैंगिक व्यक्तियों सहित सभी व्यक्तियों को अपने जीवन की नैतिक गुणवत्ता का न्याय करने का अधिकार है। एक का लिंग व्यक्ति अपनी कामुकता के समान नहीं है।"

संविधान पीठ में जस्टिस एस.के. कौल, एस.आर. भट्ट, हिमा कोहली और पी.एस. नरसिम्हा भी शामिल है ।मई में संविधान पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

केंद्र सरकार समान-लिंग वाले जोड़ों के लिए बुनियादी सामाजिक लाभों के संबंध में कुछ चिंताओं को दूर करने के लिए उठाए जा सकने वाले प्रशासनिक कदमों की जांच करने के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने पर सहमत हुई थी।

शीर्ष अदालत ने केंद्र से कहा था कि वह समलैंगिक जोड़ों को उनकी वैवाहिक स्थिति की कानूनी मान्यता के बिना भी संयुक्त बैंक खाते या बीमा पॉलिसियों में भागीदार को नामांकित करने जैसे बुनियादी सामाजिक लाभ देने का एक तरीका ढूंढे। राजस्थान, आंध्र प्रदेश और असम की सरकारों ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मंजूरी देने का विरोध किया है, जबकि मणिपुर, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और सिक्किम सरकार ने कहा है कि इस मुद्दे पर "बहुत गहन और व्यापक बहस" की जरूरत है और तुरंत प्रतिक्रिया नहीं दी जा सकती।

व‍िज्ञान भवन पहुंचे अल्‍लू अर्जुन, आलिया और कृति, राष्‍ट्रपति देंगी अवॉर्ड

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मंगलवार, 17 अक्‍टूबर को राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के विजेताओं को सम्‍मानित करेंगी। बीते 24 अगस्‍त को फिल्‍म पुरस्‍कारों की घोषणा की गई थी। अब नई दिल्ली के विज्ञान भवन में पुरस्‍कार वितरण समारोह का आयोजन किया जाएगा। इस समारोह के जहां बॉलीवुड से लेकर साउथ इंडियन फिल्‍म इंडस्‍ट्री के दिग्‍गज श‍िरकत करने वाले हैं, वहीं बेस्‍ट एक्‍टर का सम्‍मान पाने के लिए अल्‍लू अर्जुन, और बेस्‍ट एक्‍ट्रेस का अवॉर्ड लेने के लिए आलिया भट्ट और कृति सेनन भी दिल्‍ली पहुंचने वाले हैं।

कब और कहां देखें 69वां राष्‍ट्रीय फिल्‍म पुरस्‍कार समारोह
नेशनल फिल्‍म अवॉर्ड सेरेमनी मंगलवार दोपहर 1:30 बजे से शुरू होगा। आप DD National और उसके यूट्यूब चैनल पर इसका सीधा प्रसारण देख सकते हैं। दूरदर्शन के सोशल मीडिया हैंडल ने इस बाबत एक पोस्टर भी जारी किया है। इसमें लिखा है, 'विज्ञान भवन, नई दिल्ली में 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में प्रतिभा और उत्कृष्टता का जश्न मनाएं। DDNational पर हमारे साथ लाइव जुड़ें, मंगलवार, 17 अक्टूबर, दोपहर 1:30 बजे।

यहां देखिए 69वें राष्‍ट्रीय फिल्‍म पुरस्‍कार 2023 के विजेताओं की पूरी लिस्ट-
बेस्ट फीचर फिल्म – रॉकेट्री द नंबी इफेक्ट (आर माधवन)
बेस्ट हिंदी फिल्म- सरदार उधम (विक्की कौशल)
बेस्ट एक्ट्रेस – आलिया भट्ट (गंगूबाई काठियावाड़ी) और कृति सेनन (मिमी)
बेस्ट एक्टर – अल्लू अर्जुन (पुष्पा फिल्म)
बेस्‍ट एडिटर- संजय लीला भंसाली (गंगूबाई काठ‍ियावाड़ी)
बेस्‍ट सपोर्ट‍िंग एक्‍टर- पंकज त्र‍िपाठी (मिमी)
बेस्‍ट सपोर्टिंग एक्‍ट्रेस- पल्‍लवी जोशी (द कश्‍मीर फाइल्‍स)
बेस्‍ट म्‍यूजिक डायरेक्‍टर- देवी श्री प्रसाद (पुष्‍पा)
बेस्‍ट एक्‍शन डायरेक्‍शन- RRR
बेस्‍ट कोरियोग्राफी- RRR
बेस्‍ट स्‍पेशल इफेक्‍ट्स- RRR
बेस्‍ट गुजराती फिल्‍म- छेलो शो
बेस्‍ट मिश‍िंग फिल्‍म- बूम्‍बा राइड
बेस्‍ट असमी फिल्‍म- अनुर
बेस्‍ट बंगाली फिल्‍म- कालोखो
बेस्‍ट कन्‍नड़ फिल्‍म- 777 चार्ली
बेस्‍ट मैथ‍िली फिल्‍म- समांतर
बेस्‍ट मराठी फिल्‍म- एकदा के जाला
बेस्‍ट मलयालम फिल्‍म- होम
बेस्‍ट नॉन फीचर फिल्‍म- एक था गांव (गढ़वाली और हिंदी)
बेस्‍ट डायरेक्‍टर- बकुल मटियानी (स्‍माइल प्‍लीज)
बेस्‍ट फिल्‍म ऑन फैमिली वैल्‍यूज- चंद सांसें (हिंदी)
बेस्‍ट सिनमेटोग्राफर- बिट्टू रावत (पत्तल टी)
बेस्‍ट इन्‍वेस्‍ट‍िगेटिव फिल्‍म- लुकिंग फॉर चालान (अंग्रेजी)
बेस्‍ट एजुकेशनल फिल्‍म- सिरपिगलिन सिपांगल (तमिल)
बेस्‍ट फिल्‍म ऑन सोशल इश्‍यू- मिथु दी (अंग्रेजी), वन टू थ्री (मराठी, हिंदी)
बेस्‍ट एनवायरनमेंटल फिल्‍म – मुन्‍नम (मलयालम)
नरगिस दत्त अवॉर्ड 2023: द कश्मीर फाइल्स (विवेक अग्निहोत्री)

खरी बात