कन्नूर, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। केरल की एक अदालत द्वारा कन्नूर के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट नवीन बाबू आत्महत्या मामले में माकपा नेता पी.पी. दिव्या की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के कुछ ही घंटों बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
थालास्सेरी अदालत ने अपने आदेश में कहा कि दिव्या की अग्रिम जमानत याचिका “अस्वीकार” की जाती है।
अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान दिव्या के वकील ने दलील दी कि जब उन्होंने बाबू के बारे में बात की थी तो उनका कोई दुर्भावनापूर्ण इरादा नहीं था और वह सिर्फ भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सामान्य बयान दे रही थीं।
हालांकि अभियोजन पक्ष ने उनकी जमानत याचिका का विरोध किया।
दिव्या इस मामले में एकमात्र आरोपी हैं और वह कन्नूर जिला पंचायत के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुकी हैं।
कन्नूर के पुलिस आयुक्त अजीत कुमार ने मीडिया को बताया कि दिव्या को हिरासत में ले लिया गया है।
कन्नूर सत्तारूढ़ माकपा का गढ़ है और यह वह जिला है, जहां से मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और पार्टी की राज्य सचिव एम.वी. गोविंदन आते हैं।
कांग्रेस और भाजपा मुख्यमंत्री की इस बात के लिए आलोचना कर रही हैं कि उन्होंने दिव्या को गिरफ्तार नहीं किया, जबकि माकपा दिव्या का समर्थन कर रही है।
बाबू की आत्महत्या मामले में आरोपी बनाए जाने के बाद 12 दिनों तक दिव्या फरार थी। इससे लोगों में आक्रोश था।
एक अधिकारी ने कहा कि दिव्या से कन्नूर में अपराध शाखा कार्यालय में पूछताछ की जा रही है और उसे बाद में मजिस्ट्रेट के आवास पर पेश किए जाने की संभावना है।
बता दें कि बाबू 15 अक्टूबर को अपने घर में फंदे से लटके पाए गए थे और दिव्या के खिलाफ उनकी टिप्पणी के लिए 17 अक्टूबर को मामला दर्ज किया गया था।
दिव्या ने कथित तौर पर 14 अक्टूबर को एक भाषण के दौरान बाबू पर हमला करते हुए भ्रष्टाचार पर कुछ टिप्पणी की थी और अगले दिन कथित तौर पर बाबू ने आत्महत्या कर ली।
मंगलवार को अदालत के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए, पेशे से वकील बाबू के भाई ने कहा कि वे खुश हैं कि दिव्या को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया गया है।
बाबू के भाई ने कहा, “अब अगर वह उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाती हैं, तो हम इसके खिलाफ हलफनामा दायर करेंगे। हम कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं, राजनीतिक लड़ाई नहीं। पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर सकती थी, लेकिन उन्हें गिरफ्तार करने में विफल रही। हम केवल मामले में निष्पक्ष सुनवाई चाहते हैं।”
दिव्या को अग्रिम जमानत देने से इनकार करने पर बाबू की पत्नी ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए।
बाबू की पत्नी ने कहा,“हमारे परिवार के सदस्यों के कन्नूर पहुंचने से पहले मेरे पति की जांच और पोस्टमार्टम हो चुका था। मैं भी उसी विभाग में अधिकारी हूं, इसलिए मुझे पता है कि वह कैसे काम करते थे।”
विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने कहा कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का कार्यालय आरोपी को बचा रहा है।
सतीशन ने कहा, “हर कोई जानता है कि आरोपी को विजयन के कार्यालय द्वारा संरक्षण दिया गया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। सरकार और सीपीआई-एम आरोपी को बचा रहे हैं।”