सेप्टिक टैंक की सफाई करने के दौरान दलित युवक की मौत

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चेन्नई, 9 फरवरी (आईएएनएस)। कोयंबटूर में 37 वर्षीय दलित युवक की सेप्टिक टैंक की सफाई करते समय दम घुटने से मौत हो गई। अब इस मामले को दलित कार्यकर्ताओं ने मिलकर उठाया है।

कार्यकर्ता और दलित अधिकार आंदोलन की नेता मीनाकुमारी सुनील ने आईएएनएस को बताया, ”सिर पर मैला ढोना कानून के खिलाफ है। हम उन लोगों को अदालत लेकर जाएंगे जिन्होंने उस युवक से ऐसा करवाया है।”

बता दें कि मोहनसुंदरलिंगम (37) गुरुवार को कोयंबटूर में सोवरीपलायम के पास कन्नबीरामन मिल रोड में एक अपार्टमेंट के सीवेज टैंक की सफाई में लगे हुए थे।

वहीं, मोहनसुंदरलिंगम साफ-सफाई का निरीक्षण कर रहे थे। उनके दो साथी राजू और गुना सीवेज के अंदर गए। इस बीच रामू सीवेज टैंक के नीचे गिर गया। तभी मोहनसुंदरलिंगम भी टैंक के अंदर रामू को बचाने के लिए गए। वहीं, राजू को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, लेकिन मोहनसुंदरलिंगम गिर गए, जिसके बाद उन्हें स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

बता दें कि मोहनसुंदरलिंगम रामनाथपुरम के थियागी गांव के रहने वाले हैं। अब दलित संगठनों ने उऩके मौत का मामला उठाया है।

वहीं, मीना कुनारी ने कहा, ”मैला ढोने की प्रथा काफी साल पहले ही कानून के जरिए समाप्त की जा चुकी है। अब जो लोग भी ऐसे कार्यों में किसी को भी शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे लोगों को सजा मिलनी चाहिए।”

उन्होंने कहा, “कई वकीलों ने कोयंबटूर जनरल हॉस्पिटल में जाकर मृतक के परिवार से मुलाकात की है। जहां आज शव का पोस्टमार्टम किया जाना है। इसके साथ ही वकीलों ने मृतक के परिवार को आश्वासन दिलाया है कि इस मामले में कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, वकीलों ने मृतक के परिवार को यह भी आश्वासन दिलाया कि हम आपके साथ खड़े हैं।”

दलित कार्यकर्ता ने आईएएनएस को बताया कि मैनुअल स्कैवेंजर के रूप में रोजगार का निषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अनुसार, जिन लोगों ने मृतकों और उनके साथियों को मैला ढोने के काम में लगाया है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।