कोलकाता, 2 नवंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कोलकाता में सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही है। सीबीआई अधिकारियों को एमबीबीएस चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी में पूर्व प्राचार्य संदीप घोष की संलिप्तता के सुराग मिले हैं।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई अधिकारियों ने पिछले महीने कलकत्ता हाईकोर्ट में दायर अपनी रिपोर्ट में भी इन निष्कर्षों का उल्लेख किया था।
सीबीआई अधिकारियों के निष्कर्षों के अनुसार, एमबीबीएस चयन प्रक्रिया में अनियमितताएं 2021 में हुईं थीं। इसमें घोष ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
इन गड़बड़ियों को सबसे पहले एक व्हिसलब्लोअर और आरजी कर के पूर्व उप अधीक्षक अख्तर अली ने उजागर किया था, जिनकी याचिका के आधार पर कलकत्ता हाईकोर्ट की सिंगल-जज बेंच ने सीबीआई को मामले के वित्तीय पहलू की जांच करने का निर्देश दिया था।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट के साथ 2021 में एमबीबीएस चयन से संबंधित कुछ प्रासंगिक सहायक सबूत कोलकाता हाईकोर्ट को सौंपे हैं।
सूत्रों के अनुसार, दस्तावेजों में कॉल रिकॉर्ड और कुछ वॉयस मैसेज शामिल हैं, जो गलत कार्यों में घोष की संलिप्तता का संकेत देते हैं। सूत्रों ने बताया कि जांच अधिकारियों को हाउस स्टाफ के चयन में भी इसी प्रकार की अनियमितताएं मिली हैं।
हाउस स्टाफ के चयन में गड़बड़ी का एक बेहतरीन उदाहरण घोष का करीबी विश्वासपात्र आशीष पांडे है। सीबीआई अधिकारियों ने पांडे को वित्तीय अनियमितताओं के मामले में पहले ही गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में है।
इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दाखिल करने के बाद वित्तीय अनियमितताओं के मामले की जांच में स्वत: प्रवेश किया है।
वित्तीय अनियमितताओं के मामले में अन्य मुख्य आरोपों में निविदा प्रक्रिया में हेराफेरी, राज्य लोक निर्माण विभाग की अनदेखी कर आरजी कर में बुनियादी ढांचे से संबंधित कार्य निजी आउटसोर्स एजेंसियों से कराना, अस्पताल के जैव चिकित्सा अपशिष्टों की तस्करी और अस्पताल के मुर्दाघर में आने वाले अज्ञात शवों के अंगों की बिक्री शामिल है।
वित्तीय अनियमितताओं के मामले के अलावा, सीबीआई इस साल अगस्त में आरजी कर अस्पताल परिसर में एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या से संबंधित मामले में भी घोष के खिलाफ समानांतर जांच कर रही है।