नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। सरकार ने शनिवार को कहा कि भारत के प्रीमियम सी-फूड और वाइन इंडस्ट्री में जबरदस्त वृद्धि हुई है। इसमें अकेले सी-फूड निर्यात का मूल्य 7.3 बिलियन डॉलर और मात्रा 17.81 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है।
ब्रसेल्स में भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में, वाइन और सी-फूड में भारत की प्रगति को बिजनेस लीडर्स, ट्रेड बॉडीज, मरीन फूड आयातकों सरकारी व्यापार एजेंसियों और राजनयिक समुदाय के सदस्यों के आगे प्रदर्शित किया गया।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, यह एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपीईडीए) और मरीन प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमपीईडीए) के सहयोग से आयोजित किया गया था।
बेल्जियम, लक्जमबर्ग और यूरोपीय संघ (ईयू) में भारत के राजदूत सौरभ कुमार ने सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने में इस कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला।
वाणिज्य विभाग के सचिव सुनील बर्थवाल ने भारत के गतिशील व्यापारिक परिदृश्य और यूरोपीय संघ के साथ इसकी बढ़ती साझेदारी, विशेष रूप से सी-फूड और वाइन सेक्टर के बारे में बात की।
कार्यक्रम में, उपस्थित लोगों ने पांच प्रीमियम भारतीय सी-फूड वैरायटी का आनंद लिया। इसमें वन्नामेई झींगा, ब्लैक टाइगर झींगा, किंगफिश (सुरमई), तिलापिया मछली और स्क्विड शामिल था।
इन व्यंजनों को भारतीय अंगूर के बागों से वाइन के साथ विशेष रूप से जोड़ा गया था, जिनकी बोल्ड रेड, क्रिस्प व्हाइट और रिफ्रेशिंग रोज भारत की वाइन क्राफ्टमैनशिप की वैश्विक मान्यता को प्रदर्शित करती हैं।
भारतीय वाइन इंडस्ट्री में काफी वृद्धि हुई है। इसमें 24 से अधिक प्रमुख ब्रांड वैश्विक विशेषज्ञता को स्वदेशी परंपराओं के साथ जोड़ते हैं।
कैबरनेट सॉविनन, शिराज, मर्लोट और सांगियोवेस जैसे रेड के साथ-साथ चेनिन ब्लैंक, सॉविनन ब्लैंक और विओग्नियर जैसी व्हाइट वाइन को हाइलाइट किया गया।
2023-2024 में भारत का कुल निर्यात 433.09 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। इसमें कृषि वस्तुओं का योगदान 33.24 बिलियन डॉलर (कुल निर्यात का 8 प्रतिशत) और समुद्री निर्यात का योगदान 132 देशों में 7.36 बिलियन डॉलर (कृषि निर्यात का 22 प्रतिशत) रहा।
वन्नामेई झींगा का निर्यात चौगुना हो गया है, जिसने इसे उच्च गुणवत्ता वाले सी-फूड प्रोडक्ट के रूप में मजबूती से स्थापित किया है।
500 यूरोपीय संघ-अप्रूव्ड फर्मों के साथ, भारत की सी-फूड प्रोसेसिंग क्षमता का विस्तार जारी है। इससे यूरोपीय संघ भारत का दूसरा सबसे बड़ा सी-फूड मार्केट बन गया है, जिसकी वार्षिक खरीद 0.95 बिलियन डॉलर है।
इसके अतिरिक्त, मंत्रालय के अनुसार, भारत यूरोपीय संघ का दूसरा सबसे बड़ा झींगा सप्लायर है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 8 प्रतिशत है और यह यूरोपीय संघ के स्क्विड आयात में 12 प्रतिशत का योगदान देता है।